logo-image

Exclusive: रानी गरिमा सिंह ने कहा, अमेठी की बदहाली खत्म करना मेरा एजेंडा, बीजेपी से चुनाव लड़ रही हैं गरिमा

अमेठी राजपरिवार में चल रही विरासत की लड़ाई अभी समाप्त भी नहीं हुई थी कि अब यहां एक रोचक मुकाबला होने को तैयार है।

Updated on: 28 Jan 2017, 07:14 PM

नई दिल्ली:

समाजवादी पार्टी और कांग्रेस में चुनावी गठबंधन होने के बाद उत्तर प्रदेश की कई सीटों पर राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है। अमेठी भी इनमें से ऐसी ही सीट है। अमेठी राजपरिवार में चल रही विरासत की लड़ाई के बीच यहां एक नई लड़ाई जन्म ले रही है। कहा जाता है कांग्रेस के गढ़ अमेठी में पार्टी को मात देना मुश्किल ही नहीं नामुकिन है।

ऐसे में भाजपा ने उत्तर प्रदेश के चुनावी अखाड़े में इस बार अमेठी नरेश और पूर्व केंद्रीय मंत्री संजय सिंह की पहली पत्नी गरिमा सिंह को टिकट देकर सारे समीकरण बिगाड़ दिए हैं। गरिमा सिंह पूर्व प्रधानमंत्री वी.पी सिंह की भतीजी भी है। अमेठी में गरिमा सिंह को टिकट दिए जाने के बाद कांग्रेस और सपा के बीच गठबंधन हो चुका है और सपा ने इस सीट से गायत्री प्रजापति को अपना उम्मीदवार बनाया है। वहीं संजय सिंह की दूसरी पत्नी अमिता सिंह की भी नजर अमेढी सीट पर है। अमिता सिंह का कहना रहा है कि कांग्रेस से पार्टी की उम्मीदवार वही होंगी। हालांकि पार्टी ने अभी तक इस बारे में कोई पुष्टि नहीं की है। अमेठी में दिलचस्प होते जा रहे चुनावी समीकरणों के बीच बीजेपी की उम्मीदवार गरिमा सिंह के साथ विशेष बातचीत...

1. क्या आपने कभी सोचा था कि राजनीति में आपकी शुरुआत बीजेपी के प्रत्याशी के तौर पर होगी?

बिल्कुल नहीं। सोचने का सवाल ही नहीं उठता है कि मैं राजनीति में आउंगी। लेकिन मोदी जी का बहुत-बहुत धन्यवाद कि उन्होंने मुझे पार्टी की प्रत्याशी के काबिल समझा और मुझे राजनीति में कदम रखने का सुनहरा अवसर दिया।


2. अमेठी की सीट इस समय साख की सीट बन गई है। ऐसे में इस सीट पर बीजेपी को जिताने के लिए क्या करेंगी?

हम यहां से जीतने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। यहां ​की सीट मिलेगी या फिर नहीं यह तो भविष्य में तय होगा, लेकिन यहां से जीतने के लिए हम पूरी कोशिश कर रहे हैं।

ये भी पढ़ें, Exclusive: अमिता सिंह बोली- अमेठी से निर्दलीय नहीं लड़ रही हूं मैं

3. सार्वजनिक जीवन से आप अब तक दूर रही हैं ऐसे में जनता के बीच में जाने के लिए आप क्या तैयारी कर रही हैं?

जी खास चीज तो यही है कि पहले हमारे परिवार ने हमें इसके लिए तैयार किया। उनका और जनता का प्रेम देखकर घर से बाहर निकलना पड़ा। लेकिन अब सोच रही हूं कि अब ये मेरा कर्तव्य है और मुझे जनता की सेवा करने का अवसर मिला है, जिसे मैं जरूर पूरा करना चाहूंगी। हम आगे आएं और स्थिति को संभाले।

4. अमेठी में जात-पात, शिक्षा व्यवस्था, पानी और बिजली की समस्याएं बहुत आम है, जिनसे वहां की जनता अभी तक त्रस्त है। ऐसे में उनके लिए क्या करना चाहेंगी?

'सबका साथ और सबका विकास' को लेकर कार्य करना और जात-पात को जड़ से खत्म करना मेरा पहला उद्देश्य होगा। इसके साथ ही मैं नारी उत्थान को महत्व देना चाहूंगी, जिससे जिले की हर महिला और बेटी सिर उठाकर सम्मान से अपना जीवनयापन कर सके। इसके साथ ही बुनयादी सुविधाएं भी मेरे लिए खास होंगी।

ये भी पढ़ें, यूपी चुनाव 2017: कांग्रेस-समाजवादी पार्टी गठबंधन में अमेठी-रायबरेली सीट पर फंसा पेंच

5.आपके दोनों बच्चे भी राजनीति में काफी सक्रिय रूप से जुड़े हुए हैं। क्या वह भी राजनीति में आएंगे?

यह तो बच्चों के ऊपर ही छोड़ देना चाहिए कि वह राजनीति में आना चाहेंगे या​ नहीं। ये टिकट मुझे मिले या फिर मेरे बच्चोें को एक ​ही बात है। अभी तो ये अपनी मेहनत कर ही रहे हैं। आगे देखते हैं ये भविष्य में क्या होता है।