पढ़िये जयललिता की कहानी कुछ तस्वीरों की जुबानी
तमिलनाडु की मुख्यमंत्री डॉ. जे जयललिता का निधन हो गया है। फिल्मों की दुनिया से राजनीति में आने वाली जयललिता अब तक छह बार सीएम बनीं
नई दिल्ली:
तमिलनाडु की मुख्यमंत्री डॉ. जे जयललिता ने सोमवार देर रात अंतिम सांस ली। अपोलो अस्पताल ने बयान जारी कर इसकी पुष्टि की है। फिल्मों की दुनिया से राजनीति में आने वाली जयललिता अब तक छह बार सीएम बनीं। वह करीब 35 साल से राजनीति में सक्रिय रहीं। हालांकि उनका राजनीतिक सफ़र काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा। जयललिता पिछले ढाई महीनों से अस्पताल में भर्ती थीं।
और पढ़ें: नहीं रही तमिलनाडु की 'अम्मा', राजाजी हॉल में अंतिम दर्शन कर रहे हैं लोग (Live)
और पढ़ें: पनीरसेल्वम बने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री, 32 मंत्रियों ने भी ली शपथ
1. पिता की मौत के बाद महज 15 साल की उम्र में जयललिता ने बतौर अभिनेत्री अपने करियर की शुरुआत कर दी थी। 'एपसिल' नाम की एक इंग्लिश फिल्म में उन्हें पहला ब्रेक मिला था, जिसमें उनके अभिनय को देखकर उन्हें कन्नड़ फिल्मों के ऑफर मिलने लगे। जयललिता ने लगभग 300 फिल्मों में काम किया, जिसमें कुछ हिन्दी फिल्में भी शामिल हैं। अपनी मां की मदद करने के लिए स्कूल में पढ़ने के दौरान ही जयललिता फिल्मों में काम करने लगीं।
2. साल 1965 से 1972 तक एमजी रामचंद्रन के साथ फिल्में करने के बाद जयललिता ने राजनीतिक करियर की शुरुआत की। उन्होंने ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (अन्ना द्रमुक) की सदस्यता ग्रहण करते हुए एमजी रामचंद्रन के साथ 1982 में राजनीति की दुनिया में कदम रखा। इस दौरान वो राज्यसभा में तमिलनाडु की नेता भी रहीं। साल 1987 में रामचंद्रन के निधन के बाद उन्होंने खुद को रामचंद्रन की विरासत का उत्तराधिकारी घोषित कर दिया, जिसके बाद अन्ना द्रमुक दो धड़ों में बंट गई। एक धड़े की नेता एमजी आर की पत्नी जानकी रामचंद्रन थीं और दूसरे की जयललिता।
3. साल 1991 में जयललिता की पार्टी ने कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ा, जिसके बाद वो राज्य की दूसरी और सबसे कम उम्र की महिला मुख्यमंत्री बनीं। 24 जून 1991 से 12 मई 1996 तक वो राज्य की मुख्यमंत्री रहीं। इसके बाद साल 2011 में 14 छोटी-बड़ी पार्टियों से गठबंधन कर जयललिता ने चुनाव लड़ा और बहुमत हासिल कर तीसरी बार सीएम बनीं। कई योजनाओं की वजह से साल 2016 में हुए चुनाव में भारी मतों से जीतकर वो छठी बार राज्य की मुख्यमंत्री बनीं।
4. जयललिता ने 'अम्मा कैंटीन' शुरू की, जहां बेहद कम पैसों में भोजन मुहैया कराया जाता है। यही नहीं जयललिता ने अपने शासन के दौरान जनता के लिए 'अम्मा' नाम से एक नया ब्रांड शुरू कर दिया। तमिलनाडु में अम्मा मिनरल वॉटर, अम्मा सब्जी की दुकान, अम्मा फार्मेसी और अम्मा सीमेंट भी कम कीमत पर बाज़ार में मिलने लगा, जिससे जयललिता की लोकप्रियता दिन-ब-दिन बढ़ती चली गई।
5. साल 1991 से 1996 तक तमिलनाडु की मुख्यमंत्री रहीं जयललिता पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे, जिसके बाद 1996 में जयललिता की पार्टी चुनाव हार गई। कहा जाता है कि करूणानिधि के सत्ता में आने के बाद जब जयललिता के घर में छापा पड़ा तो वहां से 750 जोड़े सैंडिल, 800 किलो सिल्वर, 28 किलो सोना, साढ़े दस हजार साड़ी, 91 घड़ियां, 44 एसी और 19 कारें बरामद हुईं। इसके बाद उन पर आय से अधिक संपत्ति रखने का भी आरोप लगा।
6. जयललिता बेहद सख्त मुख्यमंत्री मानी जाती हैं। साल 2001 में सरकारी कर्मचारियों ने हड़ताल कर दी थी तो जयललिता ने एक साथ दो लाख कर्मचारियों को बर्खास्त कर पूरे देश में हलचल मचा दी थी।
7. राजनीतिक जगत में कुछ लोगों का मानना है कि जयललिता को अपनी आलोचना पसंद नहीं है। जो भी उनकी आलोचना करता है, वो उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा देती हैं। लोगों का कहना है कि कार्यकर्ता उन्हें भगवान की तरह पूजते हैं, प्रणाम करते हैं, लेकिन जयललिता को ये सब बुरा नहीं लगता।