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जस्टिस सीएस कर्णन ने सुप्रीम कोर्ट को बताया दलित विरोधी कहा, 'ऊंची जाति के जज कानून को अपने हाथ में ले रहे हैं'

जस्टिस कर्णन ने अपने पत्र में लिखा, ' सुप्रीम कोर्ट को हाईकोर्ट के सिटिंग जज को सजा देने का हक नहीं है।

Updated on: 12 Feb 2017, 06:44 PM

highlights

  • अवमानना के आरोप से घिरे जस्टिस सीएस कर्णन ने SC को बताया 'दलित विरोधी'
  • मामले की सुनवाई 13 फरवरी को होगी, जिस दिन कर्णन सुप्रीम कोर्ट में पेश होंगे

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट की तरफ से अदालत की अवमानना का नोटिस मिलने के बाद कोलकाता हाईकोर्ट के जस्टिस सीएस कर्णन ने बड़ा आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट को दलित विरोधी करार दिया है।

कर्णन ने कहा, 'ऊंची जाति के जज कानून को अपने हाथ में ले रहे हैं और अपने न्यायिक अधिकारों का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं।' कर्णन के खिलाफ अदालती अवमानना के मामले की सुनवाई 13 फरवरी को होगी। इसी दिन कर्णन सुप्रीम कोर्ट के समक्ष पेश होंगे।

कर्णन ने बीते दिनों जजों पर करप्शन का आरोप लगाया था। साथ ही उन्होंने अपने पत्र में मौजूदा और सेवानिवृत्त हो चुके 20 जजों के नाम भी लिखे, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 8 फरवरी को अदालत की अवमानना का नोटिस जारी किया।

अवमानना का नोटिस मिलने के बाद उन्होंने कोर्ट के रजिस्ट्रार को पत्र लिखते हुए कहा, 'मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस के रिटायरमेंट के बाद होनी चाहिए। अगर बहुत जल्दी हो तो मामले को संसद को भेजा जाना चाहिए। साथ ही मेरी न्यायिक और प्रशासनिक जिम्मेदारी मुझे वापस दी जानी चाहिए।'

जस्टिस कर्णन ने अपने पत्र में लिखा, 'सुप्रीम कोर्ट को हाईकोर्ट के सिटिंग जज को सजा देने का हक नहीं है। आदेश में ऐसा किए जाने का कारण साफ नहीं है। ऐसे में यह सुनवाई लायक नहीं है। यह ऑर्डर साफ तौर पर बताता है कि ऊंची जाति के जज कानून अपने हाथ में ले रहे हैं और अपनी ज्यूडिशियल पावर का गलत इस्तेमाल कर एक दलित जज से छुटकारा पाने के लिए हरसंभव कोशिश कर रहे हैं।'

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बता दें कि जस्टिस कर्णन 2011 से पूर्व और मौजूदा जजों पर शुरू से आरोप लगाते आ रहे हैं कि उनके दलित होने के दूसरे जज परेशान कर रहे हैं। 2016 में सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम से कोलकाता हाईकोर्ट में ट्रांसफर किए जाने के आदेश पर जस्टिस कर्णन ने कहा था कि उन्हें दुख है कि वह भारत में पैदा हुए हैं और वह ऐसे देश में जाना चाहते हैं जहां जातिवाद न हो। कलकत्ता हाईकोर्ट से पहले जस्टिस कर्णन मद्रास हाईकोर्ट में तैनात थे।

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