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इंजिनियरिंग और आर्किटेक्चर प्रोग्राम के लिए भी होगा सिंगल एंट्रेंस टेस्ट

केंद्र सरकार इंजिनियरिंग और आर्किटेक्चर में अंडरग्रैजुएट लेवल पर अब सिंगल एंट्रेंस टेस्ट होगा इससे पहले यह मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए होता था। केंद्र ने 2018 से सिंगल एंट्रेंस एग्जाम आयोजित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

Updated on: 11 Feb 2017, 07:36 AM

नई दिल्ली:

केंद्र सरकार इंजिनियरिंग और आर्किटेक्चर में अंडरग्रैजुएट लेवल पर अब सिंगल एंट्रेंस टेस्ट होगा इससे पहले यह मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए होता था। केंद्र ने 2018 से सिंगल एंट्रेंस एग्जाम आयोजित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

एचआरडी मिनिस्ट्री ने शैक्षिक वर्ष 2018-19 से इस प्रस्ताव को ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) को एक उचित रेग्युलेशन जारी करने के लिए कहा है।SAT की परीक्षा की तरह ही इसका भी कई बार आयोजन होगा। माना जा रहा है कि इससे शैक्षिक संस्थानों में दाखिले में डोनेशन के बढ़ते प्रभाव को खत्म किया जा सकता है।

आईआईटी सिंगल एंट्रेंस टेस्ट के दायरे से बाहर रहेंगे। आईआईटी में पहले की तरह ही अपना खुद का एंट्रेंस एग्जाम आयोजित करेंगे। एआईसीटीई के सूत्रों ने बताया कि नीट की तरह ही इसका भी कई भाषाओं में एग्जाम होगा। इस साल नीट का 10 भाषाओं में आयोजन होगा।

मौजूदा समय में कई राज्य अपना अलग इंजिनियरिंग टेस्ट आयोजित करते हैं या दाखिला 12वीं क्लास के मार्क्स के आधार पर होता है। पांच राज्यों के इंजिनियरिंग कॉलेज जेईई (मेंस) में प्राप्त अंकों के आधार पर दाखिला देते हैं।