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कानूनी लड़ाई को तैयार सायरस ने मुंबई के बड़े वकीलों को किया हायर

तीसरे दिन भी टाटा ग्रुप की कंपनियों के शेयरों की पिटाई जारी है।

Updated on: 27 Oct 2016, 10:46 PM

नई दिल्ली:

टाटा और मिस्री के बीच का विवाद अब बड़ा होता जा रहा है। मिस्री को निकाले जाने के बाद उन्होंने चिट्ठी में टाटा के पावर, स्टील, एविएशन और नैनो प्रोजेक्ट को लेकर कई गंभीर सवाल उठाए थे। मिस्री के आरोपों की गंभीरता को देखते हुए बाजार नियामक संस्था सेबी ने टाटा ग्रुप से स्पष्टीकरण मांगा था।

एनएसई और बीएसई के अलावा बाजार नियामक संस्था सेबी की तरफ से मांगे गए स्पष्टीकरण के बाद भी निवेशकों का नुकसान थमने का नाम नहीं ले रहा है। तीसरे दिन भी टाटा ग्रुप की कंपनियों के शेयरों की पिटाई जारी है।

सेबी की सफाई को लेकर टाटा स्टील और टाटा पावर ने जवाब भी दिया। गुरुवार को हालांकि टाटा संस ने प्रेस रिलीज जारी कर मिस्री पर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने बोर्ड का भरोसा खो दिया था। मिस्री का कहना था कि बतौर चेयरमैन उन्हें काम करने की आजादी नहीं थी लेकिन टाटा संस ने उनके इस बयान को गलत करार दिया है।

खबरों के मुताबिक सायरस मिस्री ने टाटा संस के बोर्ड से खुद को हटाए जाने के के फैसले को चुनौती देने का मन बना लिया है। खबरों के मुताबिक मिस्री ने बंबई हाई कोर्ट के सीनियर एडवोकेट जनक द्वारकादास, सोमशेखर सुंदरेशन और लॅा फर्म देसाई एंड दीवानजी को हायर किया है।

मिस्री को 24 अक्टूबर को टाटा संस के बोर्ड से हटा दिया गया था। सोमवार को टाटा संस के चेयरमैन से मिस्री को हटाते हुए रतन टाटा को चेयरमैन बना दिया था। मिस्री का आरोप है कि बोर्ड ने उन्हें हटाने से पहले उनका पक्ष रखने का मौका नहीं दिया।

चेयरमैन के पद से हटाए जाने के बाद भी मिस्री टाटा संस के बोर्ड में डायरेक्टर के पद पर बने हुए हैं। मिस्री के परिवार की टाटा संस में 18.4 फीसदी हिस्सेदारी है जो टाटा ग्रुप की प्रोमोटर कंपनी है।

वहीं दूसरी तरफ टाटा मिस्री विवाद की वजह से निवेशकों को लगातार नुकसान हो रहा है। सायरस मिस्री की चिट्ठी सामने आने के बाद टाटा ग्रुप के शेयरों में गिरावट जारी है। सायरस मिस्री के टाटा समूह को हुए 18 अरब डॅालर के नुकसान से जुड़ा बयान सामने आने के बाद टाटा समूह के शेयर में शुरू हुई जबरदस्त बिकवाली रुकने का नाम नहीं ले रही है।