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20,000 रुपये से ज्यादा नकद गिफ्ट पर आयकर विभाग की नजर टेढ़ी, देना होगा जवाब

नोटबंदी के दौरान बड़े पैमाने पर पैसों की लेन-देन में हुई गड़बड़ी को सानमे लाने के लिए आयकर विभाग कोई कसर छोड़ने को तैयार नहीं है।

Updated on: 11 Feb 2017, 07:49 PM

highlights

  • 20,000 रुपये से ज्यादा के नकद गिफ्ट पर आयकर विभाग की नजर 
  • बड़ी रकम जमा कराने वालों जवाब की तारीख अब 15 फरवरी तक बढ़ी
  • संतुष्ट जवाब नहीं देने पर हो सकती है जांच 

नई दिल्ली:

नोटबंदी के दौरान बड़े पैमाने पर पैसों की लेन-देन में हुई गड़बड़ी को सामने लाने के लिए आयकर विभाग कोई कसर छोड़ने को तैयार नहीं है। आयकर विभाग ने अब नोटबंदी के बाद 20,000 रुपये से ज्यादा के कैश गिफ्ट और दान को भी जांच के घेरे में ले लिया है। 

अब से 20,000 रुपये या उससे अधिक का कैश गिफ्ट या फिर डोनेशन देने पर विभाग को जानकारी देनी होगी। आपकी जानकारी से यदि विभाग संतुष्ट नहीं होगा तो इसकी जांच भी हो सकती है। सूत्रों के मुताबिक विभाग का मानना है कि पुराने नोटों को सफेद करने के लिए बड़ी संख्या में लोगों ने इसे दान या नकद गिफ्ट के रुप मे दे दिया।

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इसके साथ ही नोटबंदी के बाद से 30 दिसंबर तक बैंकों में बड़ी जमा करने वाले लोगों को जवाब देने के लिए तय तारीख को 10 फरवरी से बढ़ाकर 15 फरवरी कर दिया गया है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के चेयरमैन सुशील चंद्रा ने पिछले दिनों कहा था कि सिर्फ उन लोगों के खिलाफ ही जांच की जाएगी, जिनकी जमा राशि टैक्स रिटर्न से अलग पाई जाएगी।

विभाग ने ऐसे लोगों के नाम अपनी वेबसाइट पर जारी किए हैं, जिनके खातों में जमा रकम और उनके टैक्स रिटर्न में अंतर पाया गया है।