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आईटी विभाग ने मांगा नोटबंदी से पहले बचत खातों में जमा रकम का ब्यौरा

आयकर विभाग ने बैंको से नोटबंदी से पहले के बचत खातों में जमा की गई धनराशि के बारे में जानकारी मांगी।

Updated on: 08 Jan 2017, 07:25 PM

highlights

  • 28 फरवरी तक सभी खाताधारकों को पैन या फॉर्म 60 जमा कराने के आदेश
  • आयकर विभाग ने बैंकों से मांगा नोटबंदी से पहले के बचत खातों का ब्यौरा
  •   नोटबंदी के बाद तकरीबन 15 लाख करोड़ रुपये वापस बैंकिंग सिस्टम में वापस

नई दिल्ली:

आयकर विभाग ने बैंको से 1 अप्रैल से 9 नवंबर 2016 के बीच बचत खातों में जमा की गई धनराशि के बारे में जानकारी मांगी हैं। नोटबंदी के बाद बैंकों में जमा हुई संदिग्ध रकम की पड़ताल के लिए आयकर विभाग ने यह जानकारी मांगी है।

साथ ही वित्त मंत्रालय ने बैंको को परमानेंट अकाउंट नंबर (पैन) या फार्म 60 नहीं जमा करने वाले अपने सभी खाताधारकों से 28 फरवरी 2017 तक इन दस्तावेजों को जमा कराने के आदेश भी दिया हैं।

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नोटिफिकेशन के अनुसार,1 अप्रैल से 9 नवंबर, 2016 के दौरान जमा हुए नकद की जानकारी बैंको, को-ऑपरेटिव बैंकों और पोस्ट ऑफिसों को आयकर विभाग को देने के आदेश है।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर की मध्यरात्रि से पुराने 500 और 1000 रुपये के नोटों को अवैध करार दे दिया था। साथ ही, बैंक अधिकारियों से सभी खाताधारकों के पैन या फार्म 60 लेने और आयकर कानून के नियम 114 बी के तहत लेन-देन के सभी रिकार्ड को रखने को कहा गया है। नियम 114 बी में उन लेन-देन का उल्लेख है जिसमें पैन का जिक्र करना अनिवार्य है।

नोटिफिकेशन के मुताबिक खाता खुलवाते समय जिन खाताधारकों ने पैन या फॉर्म 60 नहीं जमा किया था, उन्हें 28 फरवरी तक जमा कराना आवश्यक है। बता दें कि जिसके पास पैन कार्ड नहीं है उसे फार्म 60 घोषणापत्र देना होता है।

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नोटबंदी के फैसले के बाद, आयकर विभाग ने पहले भी सभी बैंको और पोस्ट ऑफिसों से 10 नवंबर से 30 दिसंबर 2016 के बीच बचत खातों में 2.5 लाख रुपये से अधिक की जमा राशि तथा चालू खाते में 12.50 लाख रुपये से अधिक की राशि के बारे में जानकारी देने को कहा था

साथ ही एक ही दिन में 50,000 रुपये से ज्यादा जमा कराने वालों की भी जानकारी देने को कहा था।

नोटबंदी के बाद तकरीबन 15 लाख करोड़ रुपये बैंकिंग सिस्टम में वापस आ जाने के बाद आयकर विभाग ने बैंक खातों का विश्लेषण करना शुरू कर दिया है।