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नायर के खून में 10 साल की उम्र से ही दौड़ रहा है क्रिकेट

10 साल की उम्र से ही क्रिकेट उसके खून में दौड़ने लगा था और उसने कड़ी मेहनत की है। उसने यहां तक पहुंचने से पहले पांच साल प्रथण श्रेणी क्रिकेट और उसके बाद दो साल तक रणजी खेला है।

Updated on: 19 Dec 2016, 10:13 PM

highlights

  • उसने यहां तक पहुंचने से पहले पांच साल प्रथण श्रेणी क्रिकेट और उसके बाद दो साल तक रणजी खेला:कलाधरन 
  •  नायर ने कम उम्र से ही गलियों से क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था:नायर की मां

नई दिल्ली:

इंग्लैंड के खिलाफ पांचवें और अंतिम टेस्ट मैच के चौथे दिन सोमवार को बल्लेबाज करुण नायर ने तिहरा शतक लगाकर इतिहास रच दिया। अपने बेटे की इस ऐतिहासिक पारी पर पिता कलाधरन नायर ने कहा,'क्रिकेट 10 साल की उम्र से ही करुण के खून में दौड़ रहा है।

नायर की 303 रनों की नाबाद पारी से खुश कलाधरन ने कहा, 'मैं और मेरी पत्नी ने स्टेडियम में बैठ कर अपने बेटे को खेलते देखा है। 10 साल की उम्र से ही क्रिकेट उसके खून में दौड़ने लगा था और उसने कड़ी मेहनत की है। उसने यहां तक पहुंचने से पहले पांच साल प्रथण श्रेणी क्रिकेट और उसके बाद दो साल तक रणजी खेला है।'

अपने बेटे से मिलने पर क्या कहेंगे? इस बारे में कलाधरन ने कहा, 'मैं भले ही स्टेडियम में मौजूद था, लेकिन मैं उससे शाम को होटल में ही मिलूंगा। उससे क्या कहना है इस समय मैं इस बात को निजी रखना चाहता हूं।'

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नायर सोमवार को टेस्ट करियर के पहले शतक के तौर पर तिहरा शतक लगाने वाले दुनिया के तीसरे और भारत के पहले बल्लेबाज बने। इस सूची में पहले स्थान पर वेस्टइंडीज के पूर्व बल्लेबाज गैरी सोबर्स और दूसरे स्थान पर आस्ट्रेलिया के बॉब सिम्पसन हैं।

अपने बेटे के शानदार प्रदर्शन से भावुक होकर नायर की मां ने कहा, 'नायर का जन्म नौ महीने से कम अवधि में हुआ था और चिकित्सकों ने हमें उसका अधिक ध्यान देने का सुझाव दिया था। नायर ने कम उम्र से ही गलियों से क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था।'

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मां ने कहा, 'हम अपनी भावनाओं पर काबू नहीं कर पा रहे। हमारी इच्छा थी कि वह भारत के लिए खेले और उन्होंने ऐसा कर दिखाया। आज हमारी इच्छा थी कि वह शतक लगाएं और उन्होंने वो भी कर दिखाया। इससे अधिक और क्या कहें? हम बहुत गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।'