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नोटबंदी के बाद डीटीसी में घोटाला, जमा कराए 8.15 करोड़ रुपये के पुराने नोट

डीटीसी के अधिकारियों पर नवंबर 8 से 20 के बीच करीब 8.15 करोड़ रूपये के 500 और 1000 रूपए के नोटों को बैंकों में जमा कराने का आरोप है।

Updated on: 30 Nov 2016, 09:26 AM

highlights

  • डीटीसी अधिकारियों पर लगा घोटाले का आरोप 
  • नोटबंदी के बाद जमा कराए 8.15 करोड़ रुपये के पुराने नोट 

ऩई दिल्ली:

दिल्ली परिवहन कार्पोरेशन (डीटीसी) के अधिकारियों पर नवंबर 8 से 20 के बीच करीब 8.15 करोड़ रुपये के 500 और 1000 के नोटों को बैंकों में जमा कराने का आरोप है। जांच अधिकारियों ने इस मामले को एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) के पास भेजने की सिफारिश की है।

परिवहन मंत्री सतेन्द्र जैन ने कहा, 'इस मामले में डीटीसी के सीनियर अधिकारियों के शामिल होने की संभावना है।' जैन ने डीटीसी बैंकों में जमा इन नोटों को 'घूस का पैसा' या फिर 'कमीशन' होने का संकेत दिया।

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जैन के मुताबिक उन्हें 19 नवंबर डीटीसी अधिकारियों के यात्रियों से मिले छोटे नोटों से 500 और 1000 रुपये के नोटों के बदलने की शिकायत मिली थी। उन्होंने इस मामले की जांच के लिए सीएमडी को आदेश दिया था। सीएमडी की रिपोर्ट में यह शिकायत सही पाई गई।

प्राथमिक रिपोर्ट में सामने आया है कि डीटीसी के 40 में से 20 डिपो से बैंकों में टिकट कलेक्शन के नाम पर 500 और 1000 रुपये के अवैध नोट जमा हुए। इनमें 1000 रुपये के कुल 33,647 नोट और 500 रुपये के 95,677 नोट है, जिनका कुल मूल्य 8 करोड़ 14 लाख 85 हज़ार 500 रुपये है।

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जैन ने बताया 8 नवंबर को नोटबंदी के बाद 9 की सुबह हर डिपो पर यह सन्देश दे दिया गया था कि 500 और 1000 रुपये के नोट नहीं लिए जायेंगे।