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पेयजल संकट के मद्देनज़र, तमिलनाडु ने आंध्र से कृष्णा का पानी छोड़ने का किया आग्रह

राज्य में पीने के पानी के संकट के मद्देनज़र तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ओ.पन्नीरसेल्वम ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन.चंद्रबाबू नायडू को पत्र लिखकर कृष्णा नदी का पानी छोड़ने का आग्रह किया।

Updated on: 07 Jan 2017, 08:39 PM

नई दिल्ली:

राज्य में पीने के पानी के संकट के मद्देनज़र तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ओ.पन्नीरसेल्वम ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन.चंद्रबाबू नायडू को पत्र लिखकर कृष्णा नदी का पानी छोड़ने का आग्रह किया।

नायडू को लिखे एक पत्र में पन्नीरसेल्वम ने कहा, "जलाशयों में पानी की गंभीर कमी के कारण चेन्नई शहर में पेयजल संकट का समाधान करने के लिए मैं कृष्णा नदी का पानी छोड़ने में आपके हस्तक्षेप की मांग को लेकर यह पत्र लिख रहा हूं।"

पन्नीरसेल्वम ने कहा कि चेन्नई तथा तलिनाडु बारिश के पानी के लिए प्रारंभिक तौर पर पूर्वोत्तर मानसून पर निर्भर हैं।

उन्होंने कहा, "इस साल (2016) तमिलनाडु में पूर्वोत्तर मॉनसून में भारी कमी रही। चेन्नई शहर में लगभग 57 फीसदी कम बारिश हुई है।"

मुख्यमंत्री ने कहा, "चेन्नई शहर के पेयजल जलाशयों में जलस्तर बेहद कम है और अगले कुछ महीनों तक चेन्नई शहर में पेयजल आपूर्ति बरकरार रखने के लिए जलस्तर में आई इस कमी को पाटना होगा।"

पन्नीरसेल्वम के मुताबिक, चेन्नई इस साल के गंभीर हालात से निपटने के लिए कृष्णा नदी के पानी पर ही निर्भर है।

उन्होंने नायडू से कहा, "जहां तक मेरी जानकारी है, पांच जनवरी, 2017 तक कंदालेरू जलाशय में 1353 करोड़ घन फुट (टीएमसी फुट) पानी की कमी थी। इसलिए आंध्र प्रदेश को चेन्नई शहर के लिए कंदालेरू जलाशय से चेन्नई के लिए पानी छोड़ने की जरूरत है।"

सन् 1983 में तमिलनाडु तथा आंध्र प्रदेश ने समझौता किया था, जिसके मुताबिक चेन्नई में पेयजल की जरूरत पूरी करने के लिए आंध्र प्रदेश को कंदालेरू जलाशय से तमिलनाडु के लिए पानी छोड़ना होगा।

सामान्य तौर पर जुलाई से अक्टूबर के बीच आठ टीएमसी फुट पानी तथा जनवरी से अप्रैल के बीच चार टीएमसी फुट पानी छोड़ना होता है।

पन्नीरसेल्वम ने नायडू की ओर इशारा करते हुए कहा, "अक्टूबर से दिसंबर के बीच तमिलनाडु के लिए केवल 0.99 टीएमसी फुट पानी छोड़ा गया।"