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जानिये कौन हैं अम्मा के सबसे वफादार पनीरसेल्वम

तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता के निधन के बाद तमिलनाडु के 20वें मुख्यमंत्री के तौर पर जयललिता के उत्तराधिकारी के रूप में राज्य की बागडोर संभाल रहे ओ. पनीरसेल्वम अम्मा के सबसे वफादार सिपहसालार हैं।

Updated on: 06 Dec 2016, 08:10 AM

नई दिल्ली:

तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता के निधन के बाद तमिलनाडु के 20वें मुख्यमंत्री के तौर पर जयललिता के उत्तराधिकारी के रूप में राज्य की बागडोर संभाल रहे ओ. पनीरसेल्वम अम्मा के सबसे वफादार सिपहसालार हैं। जिन पर अम्मा जैसी शख्सियत ने हमेशा भरोसा किया। तमिलनाडु की राजनीति में यह हैरान कर देने वाली परिघटना है। ऐसा सूबा, जहाँ राजनीतिज्ञों के दाएं हाथ को नहीं पता होता कि बायां हाथ कहाँ है, पनीरसेल्वम पर इतना भरोसा कैसे?

थेनी ज़िले के पेरियाकुलम से आने वाले पनीरसेल्वम को प्यार से ओपीएस कहा जाता है। वो एक मध्यवर्गीय परिवार से आते हैं। कहा जाता है कि राजनीति में उनका सपना था कि वो पेरियाकुलम नगरपालिका के अध्यक्ष बनना चाहते थे। उन्हें तब शायद ही पता रहा हो कि बरास्ते विधायक, मंत्री एक दिन राज्य के कार्यपालक मुख्यमंत्री भी बनेंगे। वो इससे पहले भी दो बार मुख्यमंत्री का कार्यभार संभाल चुके हैं। अभी वह बोदीनयकनूर से विधायक है।

वो गुण जिसकी वजह से पनीरसेल्वम ने यहाँ तक का सफर तय किया, वह है धैर्य। पनीरसेल्वम के व्यवहार में कभी उतावलापन नहीं देखा गया। दो दशकों से राजनीति करते हुए भी उनमे पद-प्रतिष्ठा का लोभ-लालच नहीं रहा। अम्मा उन्हें जो भी जिम्मेदारी सौंपती हैं, वह उसे पूरी ताकत से पूरा करते हैं। 1996 में जब अन्ना द्रमुक के कई नेता द्रविड़ मुनेत्र कझगम में शामिल हुए, उस वक़्त भी पनीरसेल्वम ने अम्मा का साथ नहीं छोड़ा।

हांलांकि पनीरसेल्वम ना ही अच्छे बॉस माने जाते हैं और ना ही कार्यकुशल कमांडर. चूंकि तमिलनाडु का शासकीय ढांचा बंधा-बधाया है सो उन्हें शासन करने में ख़ास दिक्कत नहीं होनी चाहिए।