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तमिलनाडु के पदुकोट्टई में जल्लीकट्टू के दौरान दो लोगों की मौत, 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने लगाया था प्रतिबंध

राज्य सरकार की तरफ से अध्यादेश जारी किए जाने के बाद रविवार को तमिलनाडु के विभिन्न इलाकों में जल्लीकट्टू का जोर-शोर से आयोजन किया गया। हालांकि इस दौरान दो लोगों की मौत हो गई है।

Updated on: 22 Jan 2017, 08:12 PM

highlights

  • तमिलनाडु में जल्लीकट्टू के दौरान दो लोगों की मौत हुई है
  • अध्यादेश के बाद रविवार को मिली थी जल्लीकट्टू के आयोजन की मंजूरी
  • मई 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने जल्लीकट्टू के आयोजन पर लगाया था प्रतिबंध

New Delhi:

राज्य सरकार की तरफ से अध्यादेश जारी किए जाने के बाद रविवार को तमिलनाडु के विभिन्न इलाकों में जल्लीकट्टू का जोर-शोर से आयोजन किया गया। हालांकि इस दौरान दो लोगों की मौत हो गई है। इसके अलावा 100 से अधिक लोगों के घायल होने की खबर है। मृतक की पहचान राजा (26 साल) और मोहन (25 साल) के रूप में की गई है। 

पदुकोट्टई, त्रिची और ईरोड जिलों में जल्लीकट्टू का आयोजन किया गया जबकि कोयंबटूर में बैलगाड़ी दौड़ आयोजित की गई। पुलिस ने कहा कि पदुकोट्टई में बैलों को काबू करने की होड़ में दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए और अस्पताल ले जाते समय रास्ते में ही दोनों की मौत हो गई।

तमिलनाडु में पोंगल के मौके पर जल्लीकट्टू का आयोजन किया जाता है। पुलिस ने बताया कि पदुकोट्टई में दो लोग रेस के दौरान बुरी तरह घायल हो गए और उन्होंने अस्पाल जाने के दौरान दम तोड़ दिया।

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छात्रों और युवाओं के हफ्ते भर चले आंदोलन के बाद राज्य सरकार ने अध्यादेश जारी कर जल्लीकट्टू के आयोजन का रास्ता साफ किया था। मई 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने जल्लीकट्टू पर प्रतिबंध लगा दिया था जिसके खिलाफ तमिलनाडु में विरोध प्रदर्शन हो रहा था।

प्रदर्शकारियों को मशहूर संगीतकार ए आर रहमान, आध्यात्मिक गुरु श्री श्री ऱविशंकर के अलावा शतरंज चैंपियन विश्वनाथन आनंद का भी समर्थन मिला था।

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आंदोलन तेज होने के बाद मुख्यमंत्री पनीरसेल्वम अध्यादेश की मांग को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले थे लेकिन पीएम ने सुप्रीम कोर्ट में मामले के विचाराधीन का हवाला देते हुए इसमें दखल दिए जाने से मना कर दिया था। हालांकि उन्होंने कहा था कि अगर राज्य सरकार इस मामले में कोई पहल करती है तो उसे केंद्र सरकार का पूरा साथ मिलेगा।

इसके बाद मुख्यमंत्री पनीरसेल्वम ने अध्यादेश जारी किया जिसे शनिवार देर शाम राज्यपाल सी विद्यासागर राव की मंजूरी भी मिल गई। इसके बाद सोमवार को पूरे राज्य में जल्लीकट्टू मनाने का रास्ता साफ हो गया था।

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