मधु जैन की सलाह फैशन के मामले में बनें 'स्वदेशी'
फैशन एक बहुत शक्तिशाली मंच है। फैशन उद्योग में उन्होंने खादी चोगा के साथ कलमकारी, कांथा और इकत जैसे प्रयोग किए हैं।
नई दिल्ली:
जानी-मानी फैशन डिजाइनर मधु जैन का कहना है कि भारतीय डिजाइन बिरादरी और उपभोक्ताओं को 'स्वदेशी' होने का महत्व समझना चाहिए, इस संकल्पना को महात्मा गांधी ने प्रचारित किया था।
जैन ने साक्षात्कार में कहा, 'मैं स्वदेशी सोच रखती हूं। मेरे दादा स्वतंत्रता सेनानी थे। मेरे सोचने का तरीका अलग है और मैं बहुत राष्ट्रवादी हूं। मुझे लगता है कि अपनी राष्ट्रीय वेशभूषा को बनाए रखने और विलुप्त होने से बचाए रखने के लिए इसका समर्थन करना चाहिए।'
उन्होंने कहा कि साड़ी के साथ जो हुआ वह सलवार-कमीज के साथ नहीं होना चाहिए। युवतियों ने ज्यादा साड़ी पहनना शुरू कर दिया है, लेकिन अभी भी बहुत कुछ करने की जरूरत है।
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जैन पारंपरिक बुनाई के तरीकों को बहाल करने की पैरवी करती हैं। उनका मानना है कि फैशन एक बहुत शक्तिशाली मंच है। फैशन उद्योग में उन्होंने खादी चोगा के साथ कलमकारी, कांथा और इकत जैसे प्रयोग किए हैं।
जैन कहती हैं कि कई देशों में लोग अपनी संस्कृति का संरक्षण करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं, लेकिन भारत में अब यह नजर नहीं आ रहा।
जैन को लगता है कि भारतीय फैशन की मजबूती व पहचान इसके वस्त्रों में हैं। जैन कहती हैं कि वह बुनकरों के साथ काम करती हैं, जबकि 90 फीसदी डिजाइनर बाजार पहले से उपलब्ध मैटेरियल से अपने परिधान तैयार करते हैं।
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