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सरकार ने विपक्षी दलों की मांग ठुकराई, कहा तय समय पर ही पेश होगा आम बजट

उत्तर प्रदेश, पंजाब और उत्तराखंड समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की घोषणा होने के बाद देश की प्रमुख विपक्षी पार्टियां आज चुनाव आयोग से मुलाकात कर रही है। विपक्षी दलों का कहना है कि चुनाव की घोषणा होने के बाद केंद्र सरकार की तरफ से पेश किया जाने वाल बजट चुनावी आचार संहिता का उल्लंघन है।

Updated on: 05 Jan 2017, 01:37 PM

highlights

  • विधानसभा चुुनाव से पहले बजट की तारीख पर विपक्षी दलों ने जताई आपत्ति
  • कांग्रेस, तृणमूल, सपा, बसपा, जेडीयू और आरजेडी समेत अन्य विपक्षी दल जाएंगे आयोग
  • एनडीए की सहयोगी शिवसेना ने भी राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से बजट को रोके जाने की मांग की

New Delhi:

उत्तर प्रदेश, पंजाब और उत्तराखंड समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की घोषणा होने के बाद देश की प्रमुख विपक्षी पार्टियों ने आज चुनाव आयोग से मुलाकात की। विपक्षी दलों का कहना है कि चुनाव की घोषणा होने के बाद केंद्र सरकार की तरफ से पेश किया जाने वाल बजट चुनावी आचार संहिता का उल्लंघन है।

हालांकि सरकार ने साफ कर दिया है कि बजट को पेश किए जाने की तारीख में कोई बदलाव नहीं होगा। केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, 'अब बजट में कोई बदलाव नहीं होगा। बजट 1 फरवरी को पेश किया जाएगा।'

चुनाव आयोग से बैठक के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, 'हम चाहते हैं कि 8 मार्च के बाद बजट पेश किया जाए। 8 मार्च को पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव खत्म हो जाएंगे।' 

आजाद ने कहा, 'बजट में लोकलुभावन घोषणाएं की जा सकती हैं। ऐसी स्थिति में निष्पक्ष चुनाव नहीं कराचा जा सकता।' 

मोदी सरकार 2017-18 का बजट 1 फरवरी को पेश करने जा रही है। जबकि इसके ठीक तीन दिनों बाद पंजाब और गोवा में विधानसभा चुनाव होंगे वहीं 10 दिनों बाद उत्तर प्रदेश में पहले चरण के तहत वोट डाले जाएंगे। कांग्रेस के नेता आज मुख्य चुनाव आयुक्त से मुलाकात कर बजट को चुनाव बाद पेश किए जाने की मांग करेंगे।

वहीं तृणमूल कांग्रेस भी इस मामले को लेकर विपक्षी दलों को एकजुट करने में लगी है। नोटबंदी को लेकर हमलावर रही टीएमसी अब बजट की ताऱीख को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बना रही है।

पार्टी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा, 'तृणमूल, समाजवादी, बीएसपी, जेडीयू और आरजेडी आज सुबह 11 बजे चुनाव आयुक्त से मिलेंगे।' विपक्षी दलों का कहना है कि बजट पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पेश किया जा रहा है।

कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा, 'यह बात साफ हो चुकी है कि सरकार बजट का बेजा इस्तेमाल कर चुनाव पहले मतदाताओं को लुभाने की कोशिश करेगी।' 

नोटबंदी की तरह ही एक बार फिर से विपक्ष को एनडीए की सहयोगी पार्टी शिवसेना का साथ मिला है। शिव सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव से पहले बजट पेश नहीं किए जाने की अनुमति नहीं दिए जाने की मांग की है।

ठाकरे ने कहा, 'बजट में लोकलुभावन घोषणांए कर सरकार परोक्ष तरीके से वोट लेने की कोशिश करेगी।' बुधवार को चुनाव आयोग ने पांचों राज्यों उत्तर प्रदेश, पंजाब, गोवा. उत्तराखंड और मणिपुर में चुनाव की तारीखों की घोषणा की थी। इस दौरान बजट को लेकर पूछे जाने पर मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने कहा, 'आयोग विपक्षी दलों की तरफ से भेजे गए संयुक्त ज्ञापन की समीक्षा कर रहा है।'
जैदी ने कहा, 'आयोग को कुछ राजनीतिक दलों की तरफ से ज्ञापन मिला है जो बजट की ताऱीखों को लेकर है। आयोग इसकी समीक्षा कर रहा है और हम इस पर समय रहते फैसला लेंगे।'