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गुजराती कारोबारी महेश शाह ने कहा कि काला धन सफेद करने के लिए नेताओं और कारोबारियों ने उन्हें मोहरा बनाया

13,680 करोड़ रुपये की अघोषित संपत्ति का खुलासा करने के बाद गिरफ्तार हुए गुजराती कारोबारी महेश शाह ने कहा कि नेताओं और कारोबारियों ने उनका इस्तेमाल किया।

Updated on: 04 Dec 2016, 10:11 AM

highlights

  • महेश शाह ने कहा कि कारोबारियों और नेताओं ने अपना ब्लैक मनी इस्तेमाल करने के लिए उनका इस्तेमाल किया
  • 13,680 करोड़ रुपये की अघोषित संपत्ति का खुलासा करने के बाद गिरफ्तार हुए है गुजरात के कारोबारी महेश शाह

New Delhi:

आयकर घोषणा योजना (आईडीएस) के तहत दो महीने पहले 13,680 करोड़ रुपये की अघोषित संपत्ति का खुलासा करने के बाद गिरफ्तार हुए गुजरात के कारोबारी महेश शाह ने कहा कि कुछ कारोबारियों और नेताओं ने अपना ब्लैक मनी इस्तेमाल करने के लिए उनका इस्तेमाल किया। 

शनिवार को कहा कि कुछ कारोबारियों व राजनेताओं ने अपने पैसे की घोषणा करने के लिए उनका इस्तेमाल किया, जिनके नाम वह जल्द ही सामने लाएंगे। बीते 29 नवंबर को फरार होने के लगभग एक सप्ताह बाद शाह अहमदाबाद में टेलीविजन चैनल ईटीवी के स्टूडियो में दिखाई दिए, जहां आयकर विभाग ने प्रॉपर्टी डीलर शाह को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया।

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इससे पहले उन्होंने टेलीविजन चैनल से कहा, "आईडीएस के तहत मैंने 13,860 करोड़ की संपत्ति की जो घोषणा की है, वह मेरे नहीं हैं।"कारोबारी ने कहा कि ऐसा करने के लिए किसी ने मुझे मजबूर नहीं किया था, बल्कि इस संपत्ति की घोषणा करने के लिए मुझे कमीशन देने का वादा किया गया था।

शाह ने कहा, "जिन लोगों के पैसों की घोषणा आईडीएस के तहत की गई थी, वे अपनी बात से पीछे हट गए, जिस कारण मैं पहली किस्त अदा नहीं कर सका।"
उन्होंने कहा कि उन्हें अपनी गलती का अहसास हो चुका है और आयकर विभाग को सभी सूचनाएं मुहैया कराने के बाद जल्द ही वह सारा खुलासा कर देंगे।
शाह ने कहा, "जिनके पैसों की घोषणा की गई है, वे कारोबारी और राजनीतिज्ञ हैं।"

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शाह (67) तब सुर्खियों में आए, जब आम माफी योजना के तहत घोषित संपत्ति की पहली किश्त देने में नाकाम होने के बाद आयकर अधिकारियों ने उनके आवास तथा अहमदाबाद स्थित उनके कार्यालय पर छापेमारी की थी।

आयकर अधिकारियों के समक्ष घोषणा को सामने रखने वाले चार्टर्ड अकाउंटेंट तहमूल सेठना ने शुक्रवार को कहा कि अपने मुवक्किल से उनकी अंतिम बातचीत 29 नवंबर को हुई थी। आईडीएस के अंतिम दिन 30 सितंबर की रात शाह आयकर कार्यालय गए थे।