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दिसंबर महीने में महंगाई गिरावट आने के बाद ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद बढ़ी

जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेज एक्ट) को लागू किए जाने में हो रही देरी, कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें और खुदरा महंगाई दर के 4 फीसदी से नीचे रहने के बाद फरवरी में रिजर्व बैंक (आरबीआई) ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की कटौती कर सकता है।

Updated on: 13 Jan 2017, 06:16 PM

highlights

  • महंगाई दरों में गिरावट के बाद ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की कटौती कर सकता है आबीआई
  • नोटबंदी के बाद लगातार दूसरे महीने दिसंबर में भी महंगाई दर में गिरावट आई है

New Delhi:

जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेज एक्ट) को लागू किए जाने में हो रही देरी, कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें और खुदरा महंगाई दर के 4 फीसदी से नीचे रहने के बाद फरवरी में रिजर्व बैंक (आरबीआई) ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की कटौती कर सकता है।

एचएसबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, 'हम उम्मीद करते हैं कि आऱबीआई फरवरी की बैठक में ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की कटौती करेगा।' आरबीआई ने 2016-17 के तीसरे क्वार्टर के लिए 5 फीसदी खुदरा महंगाई दर का लक्ष्य रखा है और वहीं मीडियम टर्म का टारगेट प्लस +/- 2 फीसदी रखा गया है।

नोटबंदी के बाद लगातार दूसरे महीने दिसंबर में खुदरा महंगाई दर में गिरावट आई है और यह 3.63 फीसदी से कम होकर 3.41 फीसदी हो गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि आरबीआई मौजूदा स्थिति में 5 फीसदी महंगाई दर के लक्ष्य को आसानी से हासिल कर सकता है। एचएसबीसी ने कहा कि नोटबंदी के बाद खाद्द महंगाई दर का आंकड़ा ठीक रहा है

आरबीआई खुदरा महंगाई दर के आधार पर ब्याज दरें तय करता है। कुछ दिनों पहले वाइब्रेंट गुजरात समिट में आरबीआई गवर्नर ऊर्जित पटेल ने कहा था कि ब्याज दरों को तार्किक स्तर पर बनाए रखने के लिए महंगाई दरों का स्थिर और कम होना जरूरी है।

इसके अलावा दिसंबस में आईआईपी भी 13 महीनों के अधिकतम स्तर पर रहा है। अक्टूबर में आईआईपी 1.9 फीसदी रहा था जो दिसंबर महीने में बढ़कर 5.7 फीसदी हो गया।