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सुप्रीम कोर्ट में नहीं चली सहारा की नोटबंदी की दलील, फिर से जाना पड़ सकता है जेल

सुप्रीम कोर्ट ने सेबी के पास 600 करोड़ रुपये जमा कराने के लिए और वक्त दिए जाने की मांग किए जाने वाली सहारा समूह की याचिका को खारिज कर दिया है।

Updated on: 12 Jan 2017, 07:39 PM

highlights

  • सुप्रीम कोर्ट में नहीं मिली सहारा प्रमुख को राहत, 6 फरवरी तक चुकाने होंगे 600 करोड़ रुपये
  • सहारा ने कहा था कि नोटबंदी की वजह से उसे पैसे जुटाने में परेशानी हो रही है, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया

New Delhi:

सुप्रीम कोर्ट ने सेबी के पास 600 करोड़ रुपये जमा कराने के लिए और वक्त दिए जाने की मांग किए जाने वाली सहारा समूह की याचिका को खारिज कर दिया है।

कोर्ट ने पिछली सुनवाई में सहारा समूह को 6 फरवरी 2017 तक 600 करोड़ रुपये जमा कराने का आदेश दिया था। कोर्ट नेन कहा था कि अगर सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय तय तारीख तक बाजार नियामक संस्था सेबी के पास 600 करोड़ रुपये जमा नहीं कराते हैं तो उन्हें फिर से जेल जाना पड़ सकता है।

सहारा समूह ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि उसे नोटबंदी की वजह से पैसे जुटाने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि अदालत ने सहारा की इस दलील को मानने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने संकेत देते हुए कहा कि अगर समूह 6 फरवरी 2017 तक पैसा नहीं जमा कराते हैं तो उन्हें फिर से जेल की हवा खानी पड़ सकती है।

सहारा समूह फिलहाल पैरोल पर बाहर है। कोर्ट ने कहा सहारा को अन्य के मुकाबले ज्यादा रियायत दी जा चुकी है। 2012 के आदेश को मानने के बाद रॉय को 4 मई 2014 को जेल जाना पड़ा था। सेबी ने सहारा को निवेशकों को 17,600 करोड़ रुपये चुकाने का आदेश दिया था लेकिन सहारा ऐसा नहीं कर सकी।

रॉय के खिलाफ निवेशकों के 20,000 करोड़ रुपये नहीं लौटाने का मुकदमा चल रहा है। नवंबर 2016 में सहारा समूह ने सेबी को निवेशकों को 11,316 करोड़ रुपये लौटाने का खाका दिया था।