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चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर का केंद्र पर निशाना, कहा न्यायाधीशों को कॉलेजियम की सिफारिशों के बावजूद स्थानांतरित क्यों नहीं किया जा रहा

केंद्र सरकार को पुनर्विचार के लिए कॉलेजियम के लिए वापस लौट जाना चाहिए।

Updated on: 02 Jan 2017, 07:37 PM

highlights

  • टीएस ठाकुर ने विचाराधीन स्थानांतरण पर दो हफ्ते में विस्तृत कारणों के साथ एक स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा
  • तबादला होने के बावजूद उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों का बने रहना अटकलों और आशंकाओं को जन्म दे रही है

नई दिल्ली:

रिटायरमेंट से ठीक पहले चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर केंद्र सरकार की मंशा पर सवालिया निशान उठाया है। ठाकुर ने कहा, 'क्यों न्यायाधीशों और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों को कॉलेजियम की सिफारिशों के बावजूद स्थानांतरित नहीं किया जा रहा है। इसके साथ ही उन्होंने विचाराधीन स्थानांतरण पर दो हफ्ते में विस्तृत कारणों के साथ एक स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है।' 

चीफ जस्टिस टी एस ठाकुर 3 जनवरी को रिटायर हो रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'उच्च न्यायालय में एक ही तरह के न्यायाधीशों के बने रहने और सिफारिशों पर बैठे न्यायाधीशों के कारण ​ही अटकलें और गलतफहमियां पैदा होती हैं। केंद्र सरकार को पुनर्विचार के लिए कॉलेजियम के लिए वापस लौट जाना चाहिए।'

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टीएस ठाकुर ने अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी से कहा, 'तबादला होने के बावजूद उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों का बने रहना अटकलों और आशंकाओं को जन्म दे रहा है। अगर आपको (केंद्र) को किसी भी तरह की सिफारिशों के साथ ​कोई भी समस्या आ रही है, तो वह इसे हमारे पास भेज सकते हैं। हम इस पर गौर करेंगे।'

बतौर चीफ जस्टिस करीब एक साल के अपने कार्यकाल के दौरान सुप्रीम कोर्ट में ठाकुर की बेंच ने कई ऐतिहासिक फैसले लिए हैं। अपने सौम्य स्वभाव और मधुर वाणी के लिए लोकप्रिय टीएस ठाकुर कई मौकों पर जजों की नियुक्ति में देरी के कारण वह समय-समय पर सरकार को आड़े हाथों लेते रहे हैं।