logo-image

चंद्रशेखरन की काबिलियत देखकर उन्हें बनाया गया टाटा संस का चेयरमैन: रतन टाटा

चेयरमैन बनाए जाने के बाद रतन टाटा ने कहा कि चंद्रशेखरन की नियुक्ति उनकी नेतृत्व की क्षमता को देखकर किया गया है।

Updated on: 14 Jan 2017, 12:11 AM

नई दिल्ली:

एन चंद्रशेखरन को टाटा संस का नया चेयरमैन बनाए जाने के बाद रतन टाटा ने कहा कि चंद्रशेखरन की नियुक्ति उनकी नेतृत्व की क्षमता को देखकर किया गया है। रतन टाटा के मुताबिक टाटा संस में चेयरमैन पद पर एक ऐसे व्यक्ति की नियुक्ति की गई है जिसने कई बार अपनी नेतृत्व की क्षमता को साबित किया है और वह अपने काम में माहिर है।

ये भी पढ़ें: सायरस मिस्त्री की जगह TCS के पूर्व सीईओ एन चंद्रशेखरन बने टाटा संस के नए चेयरमैन

रतन टाटा ने कहा कि आगे मुश्किल चुनौतियां हैं, लेकिन चंद्रशेखरन टाटा संस को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे और कंपनी के मूल्यों की रक्षा करेंगे। रतन टाटा ने चंद्रशेखरन को नए पद और नई जिम्मेदारी के लिए बधाई भी दी। चंद्रशेखरन को गुरुवार को ही टाटा संस के चेयरमैन पद की जिम्मेदारी दी गई है। चंद्रशेखरन को सायरस मिस्त्री की जगह टाटा संस का चेयरमैन बनाया गया है। टाटा संस टाटा ग्रुप की कंपनियों की प्रोमोटर कंपनी है। टाटा और सायरस के बीच चले विवाद की वजह से अक्टूबर 2016 में मिस्त्री को टाटा संस के चेयरमैन पद से हटा दिया गया था।

इससे पहले चंद्रशेखरन टाटा संस की ही कंपनी टीसीएस में सीईओ के पद पर कार्यरत थे। चंद्रशेखरन को वैसै वक्त में टाटा संस का चेयरमैन बनाया गया है जब सायरस मिस्त्री खुद को हटाए जाने के फैसले को नैशनल कमीशन ऑफ लॉ ट्रिब्यूनल में चुनौती दे चुके हैं।

ये भी पढ़ें: एन चंद्रशेखरन: TCS के साथ बीते 30 साल, मामूली नौकरी से ग्रुप के सर्वोच्च पद तक, जानें पूरी कहानी

गौरतलब है कि साइरस मिस्त्री से विवाद के बाद टाटा संस के बोर्ड ने साइरस मिस्त्री को चेयरमैन पद से हटा दिया था और रतन टाटा को दोबारा कार्यकारी चेयरमैन नियुक्त कर दिया था। रतन टाटा के चेयरमैन बनते ही साइरस मिस्त्री और रतन टाटा के बीच विवाद शुरू हो गया था जो करीब दो महीने तक चला। साइरस मिस्त्री टाटा संस के फैसले के खिलाफ कोर्ट भी गए हैं।

ये भी पढ़ें: टाटा ग्रुप में बड़ा फेरबदल: चंद्रशेखरन बने टाटा संस के चेयरमैन, गोपीनाथन बने TCS के सीईओ

54 साल के एन चंद्रशेखरन टाटा उद्योग के 150 साल के इतिहास में पहले ऐसे चेयरमैन बने हैं जो पारसी समुदाय से नहीं आते हैं। चंद्रशेखरन टाटा की कंपनी से 1987 में जुड़े थे। नया पद मिलने के बाद चंद्रशेखन ने कहा 'उनकी पहली प्राथमिकता टाटा संस की सभी कंपनियों को एक सूत्र में बांधना है। ताकि लोगो टाटा संस को अद्वितीय कंपनी के तौर पर आगे भी जानते रहें।'