चुनाव वाले राज्यों के पेट्रोल पंपों पर मोदी के पोस्टर्स आचार संहिता का उल्लंघन: चुनाव आयोग
चुनाव आयोग ने कहा है कि गोवा के पेट्रोल पंप पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पोस्टर्स और उत्तराखंड में तेल कंपनियों की तरफ से जारी किया गया सर्टिफिकेट चुनावी आचार संहिता का उल्लंघन है।
highlights
- चुनाव आयोग ने गोवा के पेट्रोल पंपों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पोस्टर्स को आचार संहिता का उल्लंघन माना है
- इससे पहले कांग्रेस ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर पांचों राज्यों के पेट्रोल पंपों से नरेंद्र मोदी के पोस्टर्स को हटाए जाने की मांग की थी
New Delhi:
चुनाव आयोग ने कहा है कि गोवा के पेट्रोल पंप पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पोस्टर्स और उत्तराखंड में तेल कंपनियों की तरफ से जारी किया गया सर्टिफिकेट चुनावी आचार संहिता का उल्लंघन है।
इसके बाद चुनाव आयोग ने कैबिनेट सचिव को निर्देश देते हुए नियमों और दिशानिर्देशों को तामील करने को कहा है। कैबिनेट सेक्रेटरी पी के सिन्हा को लिखे पत्र में आयोग ने कहा है उसे विधानसभा चुनाव वाले गोवा के पेट्रोल पंपों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पोस्टर के बारे में जानकारी मिली है।
साथ ही चुनाव आयोग ने एक हिंदी अखबार में छपी खबर पर भी संज्ञान लिया है। अखबार के मुताबिक उत्तराखंड में तेल कंपनियां एलपीजी उपभोक्ताओं को सब्सिडी छोड़े जाने के बदले में प्रधानमंत्री मोदी का फोटो बांट रही थी। कैबिनेट सेक्रेटरी को लिखी चिट्ठी में कहा गया है, 'यह चुनावी आचार संहिता का उल्लंघन है क्योंकि 4 जनवरी को उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, पंजाब और मणिपुर में विधानसभा चुनावों की घोषणा हो चुकी है।'
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इससे पहले कांग्रेस ने पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बजट को पेश किए जाने से रोकने की मांग के बाद पांचों राज्यों के पेट्रोल पंपों पर लगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पोस्टर को हटाने की मांग की थी।
कांग्रेस ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में पेट्रोल पंपों पर प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीरों को हटाए जाने की मांग की थी। पोस्टर को हटाए जाने से पहले चुनावी आचार संहिता का हवाला देते हुए कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने 1 फरवरी को बजट नहीं पेश किए जाने की मांग की थी। 2017-18 के लिए देश का बजट पांचों राज्यों के विधानसभा चुनाव शुरू होने से ठीक तीन दिन पहले किया जा रहा है।
बजट एक फरवरी को पेश किया जाना है जबकि पंजाब और गोवा में 4 फरवरी को विधानसभा चुनाव होने हैं। विपक्षी दलों का कहना है कि केंद्र सरकार बजट का इस्तेमाल मतदाताओं को लुभाने में कर सकती है। चुनाव आयोग ने इस मामले में कैबिनेट सेक्रेटरी को चिट्ठी लिखकर सरकार का पक्ष मांगा है।
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हालांकि सरकार साफ कर चुकी है कि बजट की तारीखों में कोई बदलाव नहीं होगा। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि बजट की तारीख विधानसभा चुनाव की घोषणा के साफी पहले तय कर ली गई थीं।
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