पर्यायवरण मे बदलाव के लिए प्राकृतिक कारणों की तुलना में 170 गुना ज्यादा मानव जिम्मेदार-शोध
एक शोध के मुताबिक पर्यावरण में बदलाव का कारण प्रकृति की तुलना में 170 गुणा मानव की गतविधियां ज्यादा जिम्मेदार है।
highlights
- ग्लोबल वार्मिंग के लिए प्रक़ति से 170 गुना ज्यादा इंसान जिम्मेदार
- ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनीवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने गणितीय समीकरण पर की है ये शोध
- शोध के आधार गणितीय समीकरण को एंथ्रोपोसीन इक्वेशन कहा जाता है
नई दिल्ली:
एक शोध के मुताबिक पर्यावरण में बदलाव का कारण प्रकृति की तुलना में 170 गुणा मानव की गतविधियां ज्यादा जिम्मेदार है। शोधकर्ताओं मे पहली बार धरती पर मानवों के प्रभाव के गणितीय समीकरण के आधार पर ये बात कही है।
ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनीवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने धरती के सिस्टम को सिंगल कॉप्लेक्स सिस्टम के तौर पर परीक्षण किया और धरती के चाल-चलन पर मानव की गतिविधियों के प्रभाव का आकलन किया।
शोधकर्ताओं ने शोध के लिए पहली बार गणितीय समीकरण का आधार रखा है। जिसे एंथ्रोपोसीन इक्वेशन कहा जाता है। ये समीकरण धरती पर मानवीय गतिविधि के प्रभाव का विवरण देता है।
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शोधकर्ता विल स्टेफन एएनयू ने बताया,' 7,000 सालों में हर एक शताब्दी के अंदर दुनिया में 0.01 सेल्सियस तापमान घटा। यह कमी बुनियादी और प्राकृतिक थी। पिछले 45 सालों के दौरान ही दुनिया का तापमान प्रति शताब्दी के हिसाब से करीब 1.7 सेल्सियस बढ़ा है। वैज्ञानिकों का कहना है कि दुनिया के सबसे गर्म 12 साल 1998 के बाद दर्ज किए गए हैं।'
शोध के मुताबिक पर्यावरण में सबसे ज्यादा परिवर्तन मानवों के कारण हो रहा है। इस बदलाव के कारण धरती पर मौजूद पानी और इसकी मिट्टी के प्रदूषित हो जाने और तापमान के और गर्म होते जाने का खतरा पैदा हो गया है।
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