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पश्चिम बंगाल के साउथ 24 परगना में बिजली परियोजना को लेकर हिंसा, 2 लोगों की मौत

पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के भांगर ब्लॉक में प्रस्तावित बिजली ग्रिड परियोजना के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन ने मंगलवार को हिंसक रूप ले लिया

Updated on: 18 Jan 2017, 07:45 AM

नई दिल्ली:

पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के भांगर ब्लॉक में प्रस्तावित बिजली ग्रिड परियोजना के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन ने मंगलवार को हिंसक रूप ले लिया। शाम को पुलिस और ग्रामीणों के बीच हुए संघर्ष में गोली लगने से 2 प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई।

पश्चिम बंगाल सरकार के 16 एकड़ कृषि भूमि जबरन अधिग्रहित किए जाने के बाद से पूरे इलाके में तनाव का माहौल है। यह कृषि भूमि भांगर-2 ब्लॉक के खमरैत, माछी भांगा, टोना और पदमपुकुर गांवों में फैली हुई है। यह जमीन पॉवर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (पीजीसीआईएल) के लिए अधिग्रहीत की गई है।

आक्रोशित प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ उस समय जमकर झड़प हुई, जब पुलिस ने पदमपुकुर गांव में घुसने की कोशिश की। कड़े प्रतिरोध के कारण पुलिस ने बल प्रयोग किया।

घायल प्रदर्शनकारी को ग्रामीणों ने अपने कब्जे में ले लिया और बाद में उसे कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में भर्ती कराया।

संघर्ष की स्थिति तब पैदा हुई, जब मंगलवार दोपहर त्वरित कार्रवाई बल की एक टुकड़ी के साथ बड़ी संख्या में पुलिस बल ने गांव में घुसने की कोशिश की।

इसके बाद पुलिस वाहनों पर चारों तरफ से पथराव शुरू हो गया, जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। पुलिस ने कहा है कि ग्रामीणों ने पुलिस के एक वाहन को जला दिया, जबकि दो अन्य पुलिस वाहन को एक तालाब में धकेल दिया गया।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया है कि भूमि मालिकों की सहमति के बगैर कोई भूमि अधिग्रहित नहीं की जाएगी, और जरूरत पड़ी तो भांगर में प्रस्तावित पॉवर ग्रिड योजना को किसी दूसरे जगह पर स्थानांतरित कर दिया जाएगा।

राज्य के बिजली मंत्री चटर्जी ने हालांकि मंगलवार दोपहर कहा कि उन्होंने पावर ग्रिड का काम रोकने का आदेश दे दिया है और उन्होंने आरोप लगाया कि गांव के बाहर के लोग हिंसा भड़काने का काम कर रहे हैं।

चटर्जी ने कहा, 'पावर ग्रिड का निर्माण कार्य फिलहाल रोक दिया गया है। लेकिन ग्रामीणों का एक गुट अभी भी प्रदर्शन कर रहा है। ऐसा लगता है कि प्रदर्शनकारियों का कोई और मकसद है। वहां बाहरी लोग और अन्य राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता हैं, जो हिंसा भड़का रहे हैं।'