बंगाल भाजपा उपाध्यक्ष जयप्रकाश मजूमदार 3 दिन की पुलिस हिरासत में
यहां की एक अदालत ने रविवार को बंगाल इकाई के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उपाध्यक्ष जयप्रकाश मजूमदार को तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया।
नई दिल्ली:
यहां की एक अदालत ने रविवार को बंगाल इकाई के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उपाध्यक्ष जयप्रकाश मजूमदार को तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया। मजूमदार पर स्कूल सर्विस कमीशन की परीक्षा के अभ्यर्थियों से रुपये लेने का आरोप है। शिकायतकर्ता के मुताबिक, भाजपा उपाध्यक्ष ने नौकरी दिलाने के नाम पर अभ्यर्थियों से रुपये लिए थे।
विधाननगर अदालत में न्यायाधीश ने बचाव पक्ष के वकील की जमानत याचिका खारिज कर मजूमदार को जेल भेजने का आदेश दिया। उन्हें शनिवार को गिरफ्तार किया गया था। भाजपा नेता को शिकायतकर्ता अरूप रतन रॉय की शिकायत पर विधाननगर उत्तरी पुलिस थाने में सात घंटे की गहन पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया। भाजपा नेताओं ने अदालत परिसर में शिकायतकर्ता रॉय पर हमला बोलते हुए कहा कि वह टीईटी परीक्षा का अभ्यर्थी नहीं है, उसे शिकायत करने का क्या हक है।
पुलिसकर्मियों से घिरे मजूमदार ने संवाददाताओं से कहा, 'यह शिकायतकर्ता खुद एक टीईटी परीक्षार्थी नहीं है। यह शिकायत झूठ पर आधारित है। यह पूरी तरह से एक साजिश है।' हालांकि अभियोजन पक्ष ने कहा कि मजूमदार ने पूछताछ के दौरान स्वीकार किया कि उन्होंने पैसे लिए हैं।
सरकारी वकील ने सात दिन की पुलिस रिमांड की वकालत की। वकील ने तर्क दिया कि मजूमदार ने पैसे कहां जमा किए हैं, इस बात का पता लगाने के लिए उन्हें हिरासत में लिए जाने की जरूरत है। मजूमदार के खिलाफ शिकायतकर्ता के आरोप पर सरकारी वकील ने कहा कि शिकायतकर्ता ने राज्य भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष को भी इस मामले की जानकारी दी थी, लेकिन उन्होंने इसे गंभीरता से नहीं लिया, उसे अंतिम उपाय के तौर पर अदालत की शरण में आना पड़ा।
बचाव पक्ष के वकील ने जमानत की मांग करते हुए दलील दी कि इस आधार पर कोई प्राथमिकी सर्वोच्च न्यायालय में दर्ज नहीं की गई है। इस विषय में एक मामला शीर्ष अदालत में ले जाया गया है। बचाव पक्ष ने कहा कि गिरफ्तारी मनमाने ढंग से, बिना नियमों के पालन के की गई। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने जमानत याचिका खारिज कर दी और मजूमदार को तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया।
मजूमदार पर भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी), धारा 406 (आपराधिक विश्वास हनन) और धारा 506 (मौत की धमकी और गंभीर चोट पहुंचाने) के तहत मामले दर्ज किए गए। शिकायतकर्ता के अनुसार, मजूमदार एसएससी अभ्यर्थियों से भूख हड़ताल के दौरान मिले थे। ये लोग छात्र अकिया संग्राम मंच के बैनर तले धरना दे रहे थे। भाजपा नेता ने छात्रों से पैसे के बदले सर्वोच्च न्यायालय में मामला दायर कर नौकरी दिलाने का वादा किया था।
शिकायतकर्ता ने कहा, 'जयप्रकाश मजूमदार हमसे एक भूख हड़ताल के दौरान मिले थे। इसका आयोजन नौकरियों की मांग को लेकर स्कूल सर्विस कमीशन के कार्यालय के सामने किया गया था। उन्होंने कहा कि हमें करीब 8-10 लाख रुपये दीजिए और मैं आपको सर्वोच्च न्यायालय में एक मामला दाखिल करके नौकरी हासिल करने में मदद करूंगा। बाद में हमने उन्हें दो किस्तों में 7.20 लाख रुपये दिए।'
उन्होंने कहा, 'लेकिन जब हम उनसे तीन महीने बाद मिले, तो उन्होंने पैसे लेने की बात से पूरी तरह इनकार कर दिया। जब हमने पैसे वापस करने को कहा तो उन्होंने रिवाल्वर दिखाकर अपना वहां से भाग जाने के लिए मजबूर किया।'
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