दिल्ली विधानसभा का 2 दिवसीय सत्र हंगामे के साथ शुरू
दिल्ली विधानसभा का दो दिवसीय सत्र मंगलवार को हंगामे के साथ शुरू हुआ। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्यों ने नवनियुक्त उप-राज्यपाल अनिल बैजल के संबोधन के बगैर सत्र शुरू करने का विरोध किया।
नई दिल्ली:
दिल्ली विधानसभा का दो दिवसीय सत्र मंगलवार को हंगामे के साथ शुरू हुआ। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सदस्यों ने नवनियुक्त उप-राज्यपाल अनिल बैजल के संबोधन के बगैर सत्र शुरू करने का विरोध किया।
हालांकि दिल्ली सरकार का कहना है कि यह विधानसभा के चौथे सत्र का ही हिस्सा है, जिसका समापन अब तक नहीं हुआ है।
वहीं मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी सत्र के पहले दिन की कार्यवाही में उपस्थित नहीं थे। बीजेपी सदस्य विजेंदर गुप्ता ने सदन में विरोध जताते हुए कहा, 'मैं इस सत्र को अवैध कहूंगा, क्योंकि यह साल का पहला सत्र है। इसलिए नियमा अनुसार, सत्र की शुरुआत उप-राज्यपाल के संबोधन से होनी चाहिए थी।'
बीजेपी नेता ने विधानसभा सत्र को अनावश्यक रूप से इतना लंबा खींचने पर भी नाराजगी जाहिर की।उन्होंने कहा, 'बिना जरूरत एक सत्र को छह-छह हिस्सों में खींचना सही नहीं है। यह सदन की कार्यवाही के संचालन पर सवाल खड़े करता है।'
नेता प्रतिपक्ष विजेंदर के बयान के जवाब में उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि सरकार के पास इसका अधिकार है और ऐसा कहीं नहीं कहा गया है कि जन कल्याण में एक ही सत्र का कई हिस्सों में संचालन गलत है।
सिसोदिया ने कहा, 'अगर दिल्ली विधानसभा जन कल्याण के काम करने को इतनी प्रतिबद्ध है कि छोटे-छोटे अंतराल पर सत्र बुलाने और विशेष सत्रों में काम करने को तैयार है, तो यह अच्छी बात है और इसे प्रगतिवादी विधानसभा के प्रतीक के तौर पर लेना चाहिए।'
विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल ने विजेंदर गुप्ता को चेतावनी भी दी कि वह उप-राज्यपाल का नाम किसी विवाद में न घसीटें। गोयल ने कहा, 'यह कोई अलग सत्र नहीं है, बल्कि चौथे सत्र का छठा हिस्सा है। इसलिए इस मुद्दे पर विवाद खड़ा करना और उप-राज्यपाल का नाम घसीटना सही नहीं है।'
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