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सचिवों ने RSS से उल्ट दिया पीएम मोदी को सुझाव, सभी स्कूलों में इंग्लिश हो जरूरी, हर ब्लॉक में खोलें अंग्रेजी मीडियम स्कूल

अधिकारियों ने अपने सुझाव में इंग्लिश के साथ-साथ साइंस विषय पर भी जोर देने के लिए कहा गया है।

Updated on: 15 Jan 2017, 12:39 PM

नई दिल्ली:

शैक्षणिक एवं सामाजिक विकास विभाग के सदस्यों की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सुझाव दिया गया है कि अप्रैल से देश के सभी सेकेंड्री स्कूलों में इंग्लिश विषय की पढ़ाई जरूरी कर देनी चाहिए।

अंग्रेजी अखबार 'इंडियन एक्स्प्रेस' की माने तो इस समूह ने पीएम को यह भी सलाह दिया है कि देश के सभी 6,612 ब्लॉक में सरकार द्वारा चलाया जाने वाले स्कूलो में से एक स्कूल इंग्लिश मीडियम का हो।

अंग्रेजी अखबार के मुताबिक अधिकारियों ने अपने सुझाव में इंग्लिश के साथ-साथ साइंस विषय पर भी जोर देने के लिए कहा है। समूह ने कहा है कि साइंस और इंग्लिश छठी से ऊपर के सभी स्कूलों में पढ़ाई जानी जरूरी होनी चाहिए।

पिछले साल अक्टूबर में पीएम ने सचिवों के 10 ग्रुप्स बनाए थे। इन सभी को केंद्र सरकार के काम पर नजर रखने, उसकी नीतियों को देखने और काम काज को बताने का काम सौंपा गया था। साथ ही सचिवों को कहा गया था कि कुछ नए आईडिया भी दें।

अभी के व्यवस्था के अनुसार सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंड्री एजुकेशन (सीबीएसई) से मान्यता प्राप्त स्कूलों में ही आठवीं तक के स्टूडेंट्स को इंग्लिश पढ़ाई जानी जरूरी है। लेकिन 9वीं से 12वीं तक सीबीएसई बोर्ड में भी इंग्लिश पढ़ना जरूरी नहीं है। तब स्टूडेंट्स हिंदी या फिर इंग्लिश में से किसी एक को चुन सकते हैं।

राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ से मान्यता प्राप्त संस्थान शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास (SSUN) नाम के संगठन ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय को पत्र लिखकर कहा था कि सभी स्कूलों में उच्च स्तर के लिए प्राथमिक भाषा के रूप में हिंदी पढ़ाई जानी चाहिए। पत्र में यह भी कहा गया था कि इंग्लिश पढ़ना किसी के लिए किसी भी स्तर पर जरूरी नहीं होना चाहिए।