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RBI कर्मचारियों की चिट्ठी में स्वायत्तता पर सवाल उठाए जाने के बाद वित्त मंत्रालय ने कहा सरकार ने नहीं की कोई दखलंदाजी

वित्त मंत्रालय के मुताबिक जनहित से जुड़े फैसलों और मुद्दों पर केंद्र सरकार और रिजर्व बैंक के बीच विचारों और सुझावों का आदान-प्रदान होता है

Updated on: 15 Jan 2017, 07:32 AM

नई दिल्ली:

भारतीय रिजर्व बैंक के कर्मचारियों के गवर्नर ऊर्जित पटेल को लिखी चिट्ठी में रिजर्व बैंक की स्वायत्तता पर सवाल उठाए जाने के बाद इस पर सरकार ने अपनी सफाई दी है।

वित्त मंत्रालय ने कहा कहा है कि सरकार रिजर्व बैंक के स्वायत्तता और स्वतंत्रता का पूरा सम्मान करती है। मीडिया के एक धड़े में ऐसी खबर चल रही है कि सरकार के कुछ विभागों ने रिजर्व बैंक के स्वायत्तता और स्वतंत्रता का उल्लंघन किया है।

वित्त मंत्रालय के मुताबिक जनहित से जुड़े फैसलों और मुद्दों पर केंद्र सरकार और रिजर्व बैंक के बीच विचारों और सुझावों का आदान-प्रदान होता है। जबकि कुछ फैसले सरकार कानून और संविधान में मिले अधिकारों के तहत लेती है। ऐसे में यह कहना गलत है कि केंद्र सरकार रिजर्व बैंक के मामले में टांग अड़ाती है और स्वायत्तता में दखल देती है।

नोटबंदी पर गवर्नर ऊर्जित पटेल को चिट्ठी लिखकर कर्मचारियों ने कहा था कि नोटबंदी पर कुप्रबंधन की वजह से वो अपमानित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने ये भी आरोप लगाया था कि आरबीआई की स्वायत्तता को चोट पहुंचाने की कोशिश की गई है।

चिट्ठी में क्या लिखा गया था

आरबीआई कर्मचारियों ने जो चिट्ठी ऊर्जित पटेल को लिखी थी उसमें कहा गया है कि 'इस कुप्रबंधन से आरबीआई की छवि और स्वायत्तता को इतना नुकसान पहुंचा है कि उसे दुरूस्त करना काफी मुश्किल है।' इसके अलावा नकदी प्रबंधन के आरबीआई के विशेष कार्य के लिए वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी की नियुक्ति को कर्मचारियों ने 'जबर्दस्त अतिक्रमण' बताया है।

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यूनाइटेड फोरम ऑफ रिजर्व बैंक ऑफिसर्स एंड इम्पलाइज की ओर से कहा गया है, 'रिजर्व बैंक की दक्षता और स्वतंत्रता वाली छवि उसके कर्मचारियों के दशकों की मेहनत से बनी थी, लेकिन इसे एक झटके में ही खत्म कर दिया गया। यह अत्यंत क्षोभ का विषय है।'

नोटबंदी को लेकर विपक्षी दल भी आरबीआई की स्वायत्तता पर सवाल उठाते रहे हैं। उनका कहना है कि जो फैसला आरबीआई को लेना होता है वह केंद्र सरकार ले रही है।