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ब्वॉयफ्रेंड ने छोड़ा तो गर्लफ्रेंड नहीं लगा सकती रेप का आरोप : बंबई हाई कोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने रेप के एक मामले में बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा है कि कोई भी पढ़ी लिखी लड़की ब्वॉयफ्रेंड के छोड़ने पर या धोखा देने पर उसपर बलात्कार का आरोप नहीं लगा सकती।

Updated on: 21 Jan 2017, 06:58 PM

नई दिल्ली:

बंबई हाईकोर्ट ने रेप के एक मामले में बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा है कि कोई भी पढ़ी लिखी लड़की ब्वॉयफ्रेंड के छोड़ने पर या धोखा देने पर उसपर बलात्कार का आरोप नहीं लगा सकती।

मुंबई के एक ऐसे ही मामले में महिला जज जस्टिस मृदुला भटकर ने फैसला सुनाते हुए कहा कि पढ़ी लिखी लड़कियां अपनी मर्जी से अपना ब्वॉयफ्रेंड के साथ शारीरिक संबंध बनाती हैं और इसके लिए अपने ब्वॉयफ्रेंड को अपनी सहमति देती हैं। इसलिए उन्हें ऐसे फैसलों के लिए खुद जिम्मेदारी भी लेनी चाहिए।

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पूरा मामला ये था एक युवती ने अपने 21 साल के ब्यॉयफ्रेंड से ब्रेकअप होने पर उसके खिलाफ थाने में बलात्कार करने की शिकायत दर्ज करा दी थी। आरोपी युवक को बॉम्बे हाई कोर्ट ने जमानत दे दी है।

अपना फैसला सुनाते हुए जस्टिस भटकर ने कहा ऐसे मामलों में लगता है कि उसे संबंध बनाने के लिए कोई लोभ देकर प्ररेति किया गया लेकिन इस पर विश्वास करने के लिए रिकॉर्ड में कोई सबूत जरूर होना चाहिए। जस्टिस मृदुला भटकर ने कहा कोई भी प्रोलभन देने का मतलब ये नहीं कहा जा सकता कि लड़के ने शादी का वादा ही किया था।

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इतना ही नहीं जस्टिस मृदुला भटकर ने फैसला सुनाते वक्त कहा कि हमारा समाज बदल रहा है लेकिन इसमें भी नैतिकता के बोझ को हम पीढ़ी दर पीढ़ी ढो रहे हैं जिसकी वजह से ऐसा माना जाता है कि शादी से पहले महिलाओं का वर्जिन होना महिलाओं की जिम्मेदारी है।

आज के युवाओं ने इस नैतिक बोझ को धता बता दिया है और वो अपनी सेक्स से जुड़ी चीजों को सार्वजनिक कर रहे हैं जिसे समाज को भी समझने की जरूरत है। लेकिन अगर प्यार में पड़कर एक लड़की अपने प्रेमी से संबंध बनाती है तो उसे इस बात को स्वीकार करना चाहिए क्योंकि उसके पास मना करने का भी विकल्प होता है। अगर फिर भी वो अपने प्रेमी से संबंध बनाती है तो उसे इसकी जिम्मेदारी भी लेनी चाहिए।