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पाकिस्तान के गृह मंत्री ने कहा, मनगढ़ंत थी पाक सरकार और सेना के बीच मतभेद की खबर

छह अक्टूबर को दि डॉन अखबार में सिरिल अल्मीडा की एक रिपोर्ट छपी थी। उस रिपोर्ट में पाक सेना और सरकार के बीच मतभेद की बात कही गई थी।

Updated on: 12 Nov 2016, 04:59 PM

highlights

  • पाक सेना और सरकार में मतभेद नहीं : निसार अली
  • नहीं हुई थी पंजाब मुख्यमंत्री और ISI प्रमुख के बीच कोई बहस : निसार

नई दिल्ली:

पाकिस्तान के गृह मंत्री निसार अली खान ने पिछले महीने वहां के अखबार 'दि डॉन' में छपे उस रिपोर्ट को मनगढ़ंत बताया है, जिसमें पाकिस्तान सरकार और सेना के बीच एक उच्चस्तरीय बैठक में दरार की बात सामने आने की खबर छपी थी।

गौरतलब है कि छह अक्टूबर को दि डॉन अखबार में सिरिल अल्मीडा की एक रिपोर्ट छपी थी। इस रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया था कि एक उच्चस्तरीय बैठक में पाक सरकार ने वहां के सैन्य नेतृत्व को कहा कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान के अलग-थलग होने का एक बड़ा कारण सेना का आतंकियों के खिलाफ ठोस कार्यवाई न करना रहा।

इस रिपोर्ट को तब भी पाकिस्तान सरकार ने नकारा था और मनगढ़ंत कहा था। इसके बाद पाक सरकार ने रिटायर जजों की एक कमेटी भी बनाई जिसे इस रिपोर्ट के छपने के बारे में जांच की जिम्मेदारी दी गई थी।

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निसार ने शुक्रवार को कहा, 'वो स्टोरी पूरी तरह से गलत थी। एक ओर तो उसमें कहा गया कि बैठक के दौरान पंजाब के मुख्यमंत्री और आईएसआई मुखिया के बीच बहस हुई। लेकिन बहस की बात तो छोड़िये दोनों के आपसी राय में भी कोई मतभेद नहीं थे।'

निसार के मुताबिक उस रिपोर्ट में ये कहा गया कि पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अकेला पड़ता जा रहा है। जबकि सच्चाई ये है कि बैठक के दौरान विदेश सचिव ने कभी नहीं पाकिस्तान के अलग-थलग पड़ने की बात ही नहीं कही। उन्होंने तो पाकिस्तान के पुनर्निमार्ण और बदलाव की बात की थी।

निसार ने कहा कि पिछले साढ़े तीन सालों में पाकिस्तान में 34 उच्चस्तरीय रक्षा मामलों की बैठक हो चुकी है और वे इन सभी बैठकों में मौजूद रहे हैं। असैन्य और सैन्य नेतृत्व के बीच कोई मतभेद नहीं है। निसार ने कहा है कि कमेटी के आग्रह पर उन्होंने डॉन के संपादक से बात की है और उनसे कहा है कि वे अल्मीडा को कमेटी के सामने पेश करें।

बता दें कि रिपोर्ट छपने के बाद अखबार के पत्रकार अल्मीडा ने ट्वीट कर बताया था कि पाक सरकार ने उन्हें देश छोड़ने के लिए मना किया है। इस पर भी तब खूब विवाद हुआ था।