भूमि अधिग्रहण नीतियों के खिलाफ यूपी में आधा दर्जन गांव के किसान करेंगे चुनाव का बहिष्कार
किसानों की मांग है कि उन्हें पूर्ण अधिकार के साथ उनकी 50 प्रतिशत भूमि वापस दी जाए।
गाजियाबाद:
प्रदेश सरकार की भूमि अधिग्रहण नीतियों के खिलाफ मंडोला गांव में धरने पर बैठे आधा दर्जन गांव के किसानों ने विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने की घोषणा की है। किसानों का आरोप है कि आवास विकास परिषद ने किसानों को ठगा है। किसानों की मांग है कि उन्हें पूर्ण अधिकार के साथ उनकी 50 प्रतिशत भूमि वापस दी जाए।
दरअसल, छह गांव में मंडोला, नानू, पंचलोक, नवादा, अगरौला और मकसूदाबाद बामला के किसान बीते दो दिसंबर से भूमि अधिग्रहण नीति के खिलाफ मंडोला गांव में धरने पर बैठे हैं।
किसानों की मांग है कि अब तक जो मुआवजा दिया गया है वो काफी नहीं है। उनके पास बाकी कि बची हुई जो ज़मीन है उस पर भी उसी हिसाब से मुआवज़ा दिया जाए। साथ ही उन्हें वापस मिलने वाली भूमि में 30 प्रतिशत मिश्रित भू-उपयोगी और 70 प्रतिशत कृषि उपयोगी हो। वहीं आवास विकास परिषद को मिली भूमि की विक्रय दर निर्धारित कर 60 प्रतिशत किसानों को दिया जाए।
किसानों का आरोप है कि पिछले एक माह के दौरान उनके द्वारा दिए गए ज्ञापन पर कोई निर्णय नहीं लिया गया। किसान कल्याण समिति के अध्यक्ष महेंद्र त्यागी ने बताया सभी छह गांवों के लोगों की पंचायत में तय किया है कि 11 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव का बहिष्कार किया जाएगा। साथ ही इन गांवों का कोई भी परिवार वोट नहीं डालेगा।
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