जीडीपी के मुकाबले राजकोषीय घाटे को 3.2 फीसदी करने का लक्ष्य
सरकार द्वारा खर्च बढ़ाने का समर्थन करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को संसद में प्रस्तुत आम बजट में वित्त वर्ष 2017-18 के लिए राजकोषीय घाटा को जीडीपी का 3.2 फीसदी रखे जाने का लक्ष्य तय किया है।
highlights
- वित्त वर्ष 2017-18 के लिए राजकोषीय घाटा को जीडीपी का 3.2 फीसदी रखे जाने का लक्ष्य रखा गया है
- चालू वित्त वर्ष का वित्तीय घाटा लक्ष्य 3.5 फीसदी रखा गया है, जबकि वित्त वर्ष 2018-19 के लिए इसे 3 फीसदी रखा गया है
New Delhi:
सरकार द्वारा खर्च बढ़ाने का समर्थन करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को संसद में प्रस्तुत आम बजट में वित्त वर्ष 2017-18 के लिए राजकोषीय घाटा को जीडीपी का 3.2 फीसदी रखे जाने का लक्ष्य तय किया है।
पहले से निर्धारित किए गए राजकोषीय घाटे के लक्ष्य के मुकाबले यह अधिक है। चालू वित्त वर्ष का वित्तीय घाटा लक्ष्य 3.5 फीसदी रखा गया है, जबकि वित्त वर्ष 2018-19 के लिए इसे 3 फीसदी निर्धारित किया गया है।
वित्त मंत्री ने वर्ष 2017-18 में कुल सरकारी व्यय 21.47 लाख करोड़ रुपये रखा है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक निवेश की आवश्यकताओं से कोई भी समझौता किए बगैर राजकोषीय मजबूती के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए उन्होंने पिछले वर्ष की तुलना में पूंजीगत व्यय के लिए आवंटन में 25.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है।
और पढ़ें: बजट से गायब हुआ शहर और मध्य वर्ग, आम बजट में छाई रही ग्रामीण अर्थव्यवस्था
वर्ष 2017-18 के लिए अपना बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि राज्यों और विधानसभा वाले केन्द्र शासित प्रदेशों को कुल मिलाकर 4.11 लाख करोड़ रुपये के संसाधन अंतरित किए जा रहे हैं, जबकि वर्ष 2016-17 के बजट अनुमान में यह राशि 3.60 लाख करोड़ रुपये थी।
जेटली ने कहा कि विभिन्न बजट घोषणाओं के साथ-साथ वर्ष 2017-18 की अन्य नई योजनाओं पर अमल के लिए आर्थिक मामलों के विभाग के अधीन 3,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
पेंशन को छोड़ रक्षा व्यय के लिए उन्होंने 2,74,114 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की है, जिसमें रक्षा पूंजी के लिए 86,488 करोड़ रुपये भी शामिल हैं। वित्त मंत्री ने वैज्ञानिक मंत्रालयों के लिए आवंटन को वर्ष 2017-18 में बढ़ाकर 37.435 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंचा दिया है।
और पढ़ें: 5 लाख की आमदनी पर इनकम टैक्स में 50 फीसदी की कटौती
अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि उन्होंने वापस खरीद (बायबैक) के बाद सरकार की शुद्ध बाजार उधारी को 3.48 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर सीमित रखने का पूरा ध्यान रखा है, जो पिछले साल के 4.25 लाख करोड़ रुपये से बहुत कम है।
यही नहीं, वर्ष 2016-17 के बजट अनुमान में उल्लिखित 2.3 प्रतिशत के राजस्व घाटे को संशोधित अनुमानों में कम करके 2.1 प्रतिशत के स्तर पर ला दिया गया है। अगले वर्ष के लिए राजस्व घाटे को 1.9 प्रतिशत के स्तर पर निर्धारित किया गया है, जबकि एफआरबीएम अधिनियम में इसे 2 प्रतिशत पर रखा गया है।
जेटली ने कहा कि उच्च गुणवत्ता वाले व्यय के साथ-साथ विमुद्रीकरण के परिणामस्वरूप बैंकों में बड़ी मात्रा में नकदी जमा किए जाने से अधिक कर राशि की प्राप्ति पर अब ज्यादा ध्यान केन्द्रित करते हुए सरकार अगले वर्ष के दौरान राजकोषीय स्थिति से जुड़े डाटा, विशेषकर राजकोषीय घाटे के आंकड़े को और भी बेहतर करेगी।
और पढ़ें: राजनीतिक चंदे पर जेटली की कैंची, 2000 रुपये से ज्यादा नकद मंजूर नहीं
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Good Friday 2024: क्यों मनाया जाता है गुड फ्राइडे, जानें प्रभु यीशु के बलिदान की कहानी
-
Sheetala Ashtami 2024: कब है 2024 में शीतला अष्टमी? जानें पूजा कि विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व
-
Chaitra Navaratri 2024: भारत ही नहीं, दुनिया के इन देशों में भी है माता के शक्तिपीठ
-
Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य के अनुसार देश का शासक कैसा होना चाहिए, जानें