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देशों को प्रतिबंधित करने के फैसले पर आलोचना झेल रहे ट्रंप ने दी सफाई, कहा-मुस्लिमों के प्रवेश पर बैन नहीं

अमेरिका में सात मुस्लिम देशों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने के फैसले पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को चारों तरफ से आलोचना का शिकार होना पड़ रहा।

Updated on: 29 Jan 2017, 02:40 PM

नई दिल्ली:

अमेरिका में सात मुस्लिम देशों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने के फैसले पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को चारों तरफ से आलोचना का शिकार होना पड़ रहा। चौतरफा से मिल रही इस आलोचना के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने साफ कर दिया कि ये बैन मुस्लिमों के प्रवेश पर नहीं है।

चौतरफा आलोचना झेल रहे डोनाल्ड ट्रंप अपने बचाव में कहा,'ये आदेश मुस्लिमों पर प्रतिबंध नहीं है।'

ट्रंप के 7 देशों के मुस्लिमों के प्रवेश पर बैन करने आदेश के साइन करने के साथ ही अमेरिकी हवाईअड्डों पर प्रतिबंधित देशों से आने वाले शरणार्थियों को हिरासत में लिया जाने लगा। हालांकि बुक्रलिन के फेडरल डिस्ट्रिक्ट जज एन एम. डोनली ने ट्रंप के इस आदेश पर रोक लगाकर फंसे शरणार्थियों को राहत देते हुए वापस ना भेजने के आदेश दिया। 

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गौरतलब है कि वाइट हाउस के इस आदेश के खिलाफ कुछ वकील न्यूयॉर्क सिटी की अदालत में गए जहां मामले की तत्काल सुनवाई हुई, जिसके बाद जज ने यह फैसला सुनाया।

ट्रंप के इस फैसले विरोध में के लोग सड़कों पर उतरने लगे हैं। न्यूयॉर्क के जॉन एफ केनेडी इंटरनैशनल एयरपोर्ट पर करीब 11 शरणार्थियों को हिरासत में लिए जाने के बाद भारी संख्या में जुटकर लोगों ने इसका विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया। जॉन एफ केनेडी इंटरनैशनल एयरपोर्ट के अलावा राजधानी वॉशिंगटन डीसी में भी एयरपोर्ट के बाहर हजारों प्रदर्शनकारी विरोध कर रहे हैं।

सात मुस्लिम देशों के शरणार्थियों पर बैन लगाने के फैसले का विरोध अमेरिकी सांसदों ने किया है। ट्रंप की इस नीति की आलोचना करने वालों में नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई और फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग भी शामिल हैं। गूगल के भारतीय मूल के सीईओ सुंदर पिचाई,माइक्रोसॉफ्ट के भारतीय-अमेरिकी सीईओ सत्य नडेला और ट्वीटन ने भी इस फैसले पर चिंता जताई।

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ट्रंप ने शुक्रवार को एक शासकीय आदेश पर हस्ताक्षर किया था जिसके तहत ईरान, इराक़, यमन और लीबिया समेत छह अन्य मुस्लिम देशों के नागरिकों को वीज़ा जारी करने पर तीन महीने की रोक लगा दी है।