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पूर्व सीआईए अधिकारी बोले, पाकिस्तान विश्व के लिए सबसे ख़तरनाक देश

इस्लामाबाद में सीआईए के पूर्व स्टेशन प्रमुख केविन हल्बर्ट ने चेतावनी दी कि पाकिस्तान के विफ़ल होने से दुनिया के लिए परेशानी खड़ी होगी।

Updated on: 16 Feb 2017, 05:38 PM

highlights

  • इस्लामाबाद में सीआईए के पूर्व स्टेशन प्रमुख केविन हल्बर्ट ने चेतावनी दी
  • पाकिस्तान के विफ़ल होने से दुनिया के लिए परेशानी खड़ी होगी।
  • अमेरिका और आईएमएफ़ ने खरबों रपये की वित्तीय सहायता दी है

नई दिल्ली:

अमेरिका की केन्द्रीय ख़ुफ़िया एजेंसी (सीआईए) के एक पूर्व अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान विश्व के लिए सबसे ख़तरनाक देश है। उन्होंने पाकिस्तान की गिर रही अर्थव्यवस्था, आतंक़वाद और तेजी से बढ़ते परमाणु शस्त्रागार वाले देशों में शामिल होने से पैदा हुए संभावित ख़तरों का भी हवाला दिया है।

इस्लामाबाद में सीआईए के पूर्व स्टेशन प्रमुख केविन हल्बर्ट ने चेतावनी दी कि पाकिस्तान के विफ़ल होने से दुनिया के लिए परेशानी खड़ी होगी।

हल्बर्ट ने ख़ुफ़िया समुदाय के लिए साइफर ब्रीफ़ नाम की वेबसाइट पर लिखा कि पाकिस्तान एक ऐसे बैंक की तरह है जो इतना बड़ा है कि विफ़ल नहीं होना चाहिए या इतना बड़ा है कि उसे कोई विफ़ल नहीं होने देगा क्योंकि अगर उसे विफ़ल होने दिया गया तो इसका विश्व की अर्थव्यवस्था पर विनाशकारी असर हो सकता है।

उन्होंने कहा कि हमारे पास 3.3 करोड़ की आबादी वाले अफ़ग़ानिस्तान में बड़ी समस्याएं हैं, लेकिन पाकिस्तान में क़रीब 18.2 करोड़ नागरिक हैं जो अफ़ग़ानिस्तान की आबादी का क़रीब पांच गुना ज़्यादा हैं।

गिरती अर्थव्यवस्था, वहां फैला आतंक़वाद, सबसे तेजी से बढ़ता परमाणु शस्त्रागार, छठी सबसे बड़ी आबादी और विश्व में सबसे ऊंची जन्म दर वाले देशों में से एक पाकिस्तान गंभीर चिंता का विषय है।

हल्बर्ट ने कहा कि हालांकि पाकिस्तान विश्व में सबसे ख़तरनाक देश नहीं है लेकिन संभवत: यह दुनिया के लिए सबसे ख़तरनाक देश है। आज पाकिस्तान में काफी कुछ किया जाना बाकी है लेकिन अगर हम उसे अलग थलग करने या प्रतिबंध लगाने की रणनीति अपनाते रहे तो इससे स्थिति और ख़राब हो जाएगी।

उन्होंने कहा कि अमेरिका और आईएमएफ़ ने खरबों रपये की वित्तीय सहायता दी है क्योंकि पाकिस्तान का साया अमेरिकी राष्ट्रपति को किसी अन्य देश के मुकाबले अधिक डरा रहा है। उन्होंने कहा कि इसे देखते हुए हम पैसा बहा रहे हैं, उन्हें अच्छा व्यवहार करने के लिए कोशिश कर रहे हैं लेकिन इससे सीमित सफलता मिली है लेकिन हमें ये कोशिशें जारी रखनी चाहिए।

हल्बर्ट ने कहा कि अफ़ग़ानिस्तान में आज एकमात्र असली मकसद देश को तालिबान के हाथों मे जाने से रोकना और अफगानिस्तान को आतंक़वादियों के लिए पनाहगाह बनने से रोकना है जो पश्चिमी देशों के ख़िलाफ़ हमले की साज़िश रच सकते हैं।