केंद्र सरकार शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने को लेकर कर रही है प्रयास: जावड़ेकर
जावड़ेकर ने कहा, आवंटन की राशि 64,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 70,000 करोड़ रुपये कर दी गई।
नई दिल्ली:
साल 2017-18 के शिक्षा बजट में शिक्षा के लिए 6,000 करोड़ रुपये की राशि आवंटित किए जाने की सराहना करते हुए केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने रविवार को कहा कि सरकार का ध्यान समग्र रूप से शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने पर है।
जावड़ेकर ने कहा, 'आवंटन की राशि 64,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 70,000 करोड़ रुपये कर दी गई। इसमें साफ तौर से 6,000 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी की गई है।'
उन्होंने कहा, 'इससे पहले हम कई योजनाओं में 75:25 (केंद्र-राज्य हिस्सेदारी) के आधार पर धनराशि का इस्तेमाल करते थे। 14वें वित्त आयोग की सिफारिश के बाद इस वित्त पोषण में बदलाव हुआ और यह 60:40 हुआ। इस बार हमें करीब 25 फीसदी ज्यादा बजट मिला है।'
उन्होंने कहा, 'अब हम अपने जीडीपी का 4.5 फीसदी शिक्षा पर खर्च कर रहे हैं।'
जावड़ेकर ने कहा कि मोदी सरकार का दृष्टिकोण सभी स्तरों पर पूरी शिक्षा गुणवत्ता में सुधार लाने की है। उन्होंने कहा कि सरकार इस साल स्कूलों में वार्षिक लर्निग परिणामों को मापने की एक प्रणाली लागू करेगी।
HRD will bring in a graded regulatory mechanism as part of UGC reforms for greater transparency: Prakash Javadekar (File pic)
— Press Trust of India (@PTI_News) February 5, 2017
उन्होंने कहा कि लर्निग परिणामों से पता चलेगा कि किसी विद्यार्थी को हरेक कक्षा में हरेक विषय में कितना ज्ञान होना चाहिए। जावड़ेकर ने एकल परीक्षा एजेंसी, नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) की जरूरत पर कहा, 'सीबीएसई (सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंड्री एजुकेशन) के ऊपर परीक्षा कार्यो का भारी बोझ है और बीते साल इसने एक करोड़ से अधिक विद्यार्थियों के लिए विभिन्न परीक्षाएं आयोजित कीं।'
उन्होंने कहा, 'हम एक अलग परीक्षा एजेंसी बनाना चाहते हैं।' विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) में सुधारों पर मंत्री ने कहा, 'यूजीसी सुधार का जोर अच्छे संस्थानों को अधिक स्वायत्तता देना है।'
उन्होंने कहा कि सुधारों के विवरण और तौर-तरीकों पर आने वाले महीनों में काम किया जाएगा। जावड़ेकर ने कहा कि सरकार आत्म-नियमन और शिष्ट समीक्षा के प्रावधानों के साथ अधिक उदार उपायों के प्रति बचनबद्ध है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान योजना के प्रावधान के तहत नवाचार निधि में 100 करोड़ रुपये की राशि प्राप्त होगी। जावड़ेकर ने कहा कि कुछ भी सीखने, कहीं भी सीखने और हमेशा सीखने के लिए स्वयम तैयार है और उसे अगले महीने शुरू किया जाएगा।
स्वयम घरेलू स्तर पर विकसित आईटी प्लेटफॉर्म है, जो कक्षा नौ से परास्नातक तक की कक्षाओं में सभी पाठ्यक्रमों के अध्ययन की सुविधा सुनिश्चित कराएगा
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