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दिल्ली में प्रदूषण पर केंद्र सोमवार को करेगा अहम बैठक, केजरीवाल बोले 'गैस चेंबर', केंद्र ने कहा- आपातकाल स्थिति

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि प्रदूषण की मुख्य वजह पंजाब-हरियाणा में खेतों में पुआल (खूंटी) जलाने से उठने वाला धुआं हैं।

Updated on: 06 Nov 2016, 09:32 AM

नई दिल्ली:

दिल्ली पर धुंध छाए रहने पर केंद्र ने सभी पड़ोसी राज्यों के पर्यावरण मंत्रियों की सोमवार को बैठक बुलाई है। साथ ही कहा कि प्रदूषण का लेवल खतरनाक है, इसलिए दिल्ली इमरजेंसी स्थिति का सामाना कर रहा है। वहीं, सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि राजधानी गैंस चैंबर बन गई है और इसकी मुख्य वजह पंजाब-हरियाणा में खेतों में पुआल (खूंटी) जलाने से उठने वाला धुआं हैं। सोमवार को दिल्ली में करीब 17 हजार एमसीडी स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया गया है। 

एयर क्वॉलिटी डाटा:

दिल्ली पर धुंध छाए रहने और कई जगहों पर प्रदूषण का स्तर सुरक्षित स्तर से 17 गुना ज्यादा है। इससे चिंतित मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री अनिल दवे से मुलाकात भी की। इस चुनौती से निपटने के लिये केजरीवाल ने केंद्र से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की। इससे पहले मुख्यमंत्री केजरीवाल ने दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति की तुलना गैस चेंबर से की थी। उन्होंने उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा से खेतों में फसलों के अवशेष को जलाए जाने को जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने लोगों से वाहनों का इस्तेमाल न्यूनतम करने की भी अपील की। केजरीवाल ने अपील की कि लोग निजी वाहनों का इस्तेमाल सीमित करें और सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करें।

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बैठक के बाद दवे ने कहा कि उन्होंने सभी पड़ोसी राज्यों के पर्यावरण मंत्रियों की सोमवार को एक बैठक बुलाई है और उनसे अनुरोध करेंगे कि वे अपने राज्यों में किसानों द्वारा फसलों के अवशेष जलाने पर रोक लगाएं। क्योंकि इसकी वजह से दिल्ली में धुंध का स्तर बढ़ता है। दवे ने कहा, 'दिल्ली में ये एक आपातकालीन स्थिति है। यहां स्थिति बहुत खराब है, खास तौर पर बच्चे, मरीज, महिलाओं और वृद्धों के लिए। हमें इस स्थिति से निपटने के लिए तत्काल कदम उठाने की जरूरत है।'

अनिल दवे ने कहा कि स्थिति 'बहुत ही खराब' है, और इससे निपटने के लिए तत्काल अल्पकालिक उपाय करने की जरूरत है। दवे ने कहा कि उन्होंने केजरीवाल के साथ 'आपातकालीन उपायों' पर चर्चा की है, जिसमें धूल, प्रदूषण और फसल जलाने पर नियंत्रण के तरीके शामिल हैं। उन्होंने कहा, 'वायु प्रदूषण के पांच कारण हैं जिसमें लकड़ी, कोयला, डीजल, पेट्रोल और कृषि कचरा जलाना शामिल हैं। हमें समस्या के समाधान के लिए हल खोजना होगा।'

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री ने सत्येंद्र जैन सुबह भलस्वा लैंड फिल का दौरा किया। उन्होंने माना कि भलस्वा लैंड फिल पर कचरे में आग लगाने के कारण भी दिल्ली में प्रदूषण बढ़ता है।

एय़र क्वॉलिटी की जांच करने वाली एजेंसी SAFAR के अनुसार, 24 घंटे की औसत PM 2.5 की मात्रा 225 और PM 10 की मात्रा 389 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा। दिवाली के बाद प्रदूषण बढ़ने का भी असर पड़ा है। जहरीली हवा से बचने के लिए पहने जाने वाले मास्क की मांग में हुई अचानक बढ़ोतरी ने इसकी कीमत बढ़ा दी है।

मौसम विभाग के निदेशक डॉ. जेपी गुप्ता ने बताया कि रविवार को धुंध छाई रहेगी। इस माह के अंतिम सप्ताह से कोहरा गिरना शुरू हो जाएगा। मौसम विज्ञानी डॉ. पवन सिसौदिया ने बताया कि 20 नवंबर के बाद से सुबह ठंडी हवा चलने की उम्मीद है।