अरुण जेटली का पलटवार, बोले ज्यादातर कालाधन मनमोहन सिंह के कार्यकाल में बना
मनमोहन सिंह पर पलटवार करते हुए जेटली ने कहा, 'इसमें कोई आश्चर्य नहीं है कि वह इससे अप्रसन्न हैं क्योंकि अधिकांश कालाधन उनके शासनकाल में ही पैदा हुआ।'
highlights
- मनमोहन सिंह पर जेटली का पलटवार, अधिकांश कालाधन उनके शासनकाल में पैदा हुआ था
- संसद में हंगामें पर बोले जेटली, विपक्ष चर्चा को टालने के लिए बहाने तलाश रहा है
- मनमोहन सिंह ने कहा, नोटबंदी से भारत का विकास दो फीसदी तक गिर सकता है
नई दिल्ली:
500 और 1000 रुपये के नोट पर लगे प्रतिबंध की पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आलोचना की है। जिसपर पलटवार करते हुए मोदी सरकार में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, 'इसमें कोई आश्चर्य नहीं है कि वह इससे अप्रसन्न हैं क्योंकि अधिकांश कालाधन उनके शासनकाल में ही पैदा हुआ था।'
नोटबंदी से सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि में 2 प्रतिशत गिरावट आने की मनमोहन सिंह की आशंका को खारिज करते हुए जेटली ने कहा, 'बड़े नोटों को अमान्य करने के कदम का मध्यम से दीर्घकालिक तौर पर अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा क्योंकि अर्थव्यवस्था का कालाधन मुख्यधारा में आएगा।'
जेटली ने कहा कि जिनके शासनकाल में इतना अधिक कालाधन पैदा हुआ और घोटाले हुए उन्हें इसमें बड़ी भूल नहीं दिखाई दी लेकिन अब वे कालाधन के खिलाफ युद्ध को भूल के रूप में देखते हैं, लूट कहते हैं।
पूर्व प्रधानमंत्री और दिग्गज अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह ने गुरुवार को राज्यसभा में दिए अपने भाषण में कहा था, 'नोटबंदी से भारत का विकास दो फीसदी तक गिर सकता है। इसे नजरअंदाज किया जा रहा है।' मनमोहन ने कहा कि इसे जिस तरह से लागू किया जा रहा है, वह प्रबंधन की विफलता है और यह संगठित और कानून लूट-खसोट का मामला है।
नोटबंदी पर हुए हंगामें के कारण संसद में कामकाज बाधित था। हालांकि गुरुवार को राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी के बाद कुछ घंटे कार्यवाही चल पाई। वहीं लोकसभा में कोई भी विधायी कार्य नहीं हो सका।
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राज्यसभा में पूरी चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी के उपस्थित रहने पर विपक्ष के जोर देने के कारण दो बार के स्थगन के बाद राज्यसभा की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।
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वित्त मंत्री जेटली ने कहा कि सरकार का रूख पहले दिन से ही स्पष्ट है और वह चर्चा करने के लिए तैयार हैं, विपक्ष चर्चा को टालने के लिए बहाने तलाश रहा है।
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