logo-image

शारदा सिन्हा के इन गीतों के बिना आपका 'छठ महापर्व' रह जाएगा अधूरा

छठ पूजा बिहार, झारखंड और यूपी के पूर्वांचल हिस्से का सबसे बड़ा त्योहार माना जाता हैं इसलिए लोग वहां इसे छठ महापर्व भी कहते हैं

Updated on: 03 Nov 2016, 02:11 PM

New Delhi:

छठ पूजा बिहार, झारखंड और यूपी के पूर्वांचल हिस्से का सबसे बड़ा त्योहार माना जाता हैं इसलिए लोग वहां इसे छठ महापर्व भी कहते हैं। हालांकि छठ अब यूपी, बिहार, झारखंड के अलावा दिल्ली, मुंबई जैसे महानगरों में भी मनाया जाता है इसलिए पटना से लेकर दिल्ली तक और गोरखपुर से लेकर मुंबई तक छठ त्योहार के दौरान घाटों पर लोक गायिका शारदा सिन्हा की मिठास भरी आवाज में आपको छठ पूजा के गीत सुनने को मिलेंगे।  छठ पूजा के दौरान अगर आपने उनके गाने नहीं सुने तो आपका ऐसा लगेगा कि आपका छठ अधूरा रह जाएगा। 4-7 नवंबर के बीच होने वाले छठ पर्व पर एक बार फिर शारदा सिन्हा छठ व्रतियों और लोगों के लिए नया गीत लेकर आई हैं और आप उसे सुनेंगे तो आप को शायद महसूस होगा कि आप बिहार, झारखंड या फिर पूर्वांचल के किसी छठ घाट पर खड़े हैं।

 

हालांकि छठ के गीत तो कई गायको ने गाए हैं लेकिन जितनी लोकप्रियता और छठ की गीतों में मिठास आपको शारदा सिन्हा के गानों में मिलेगी वो शायद ही कहीं और मिले। केलवा के पात पर, और ऊगो हो सूरज देव जैसे गानों ने उन्हें नई पहचान दी

 

शारदा सिन्हा ने कई फिल्मों के लिए भी गाने गाए हैं लेकिन उन्हें ज्यादा लोकप्रियता लोकगीत, मैथिली गीत और छठ गीतों से ही मिली और अगर आप छठ पूजा के दौरान घाटों पर जाएंगे तो आपको हर घाट पर उनके गाए गीत ही सुनने को मिलेंगे। आप उनके गाए छठ गीतों की लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि उनके कई गानों को दूसरे गायकों ने भी बाद में गाया लेकिन उन्हें उतनी लोकप्रियता नहीं मिली।