logo-image

निर्मला सीतारमन ने कहा, जेटली नोटबंदी को गरीबों के कल्याण के लिए मानते हैं ऐतिहासिक कदम

सरकार 'दूरदर्शी और सत्ता में आने से पहले किए गए अपने वादों को लेकर प्रतिबद्ध' है।

Updated on: 07 Jan 2017, 08:50 PM

नई दिल्ली:

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को 8 नवंबर को की गई नोटबंदी को गरीबों की कल्याण की दिशा में एक 'ऐतिहासिक' और 'साहसिक' कदम करार दिया है। साथ ही इसे नकली नोट बनाने वाले रैकेट और आतंकवादियों को गंभीर झटका करार दिया है। केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमन ने मीडिया को बताया, 'वित्त मंत्री ने भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पार्टी का आर्थिक प्रस्ताव प्रस्तुत करते हुए कहा कि नोटबंदी का फैसला इसलिए लिया गया, क्योंकि नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार 'दूरदर्शी और सत्ता में आने से पहले किए गए अपने वादों को लेकर प्रतिबद्ध' है।'

सीतारमन ने बताया कि आर्थिक संकल्प मुख्य रूप से नोटबंदी पर केंद्रित था।

उन्होंने कहा कि जेटली ने इस दौरान काले घर और फर्जी मुद्रा को रोकने के लिए उठाए गए सरकार के कदमों की जानकारी दी।

सीतारमन ने संवाददाताओं से कहा, 'कार्यकारिणी ने सर्वसम्मति से यह सहमति व्यक्त की कि नोटबंदी एक ऐतिहासिक कदम है।'

उन्होंने ने कहा कि ऐसे कदम के लिए दूरदर्शी नेतृत्व जरूरी है, जो अब भाजपा ने दिया है।

सीतारमन ने कहा कि नोटबंदी के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिन कदमों की घोषणा की वे दलितों, जनजातीय लोगों और महिलाओं की परेशानियों को देखते हुए की गई थीं।

सीतारमन के मुताबिक, जेटली ने कहा, 'हमने काले धन वाले खातों की जांच के लिए एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) गठित की और कितने लोगों ने कितना काला धन जमा किया हुआ है, इस जानकारी के लिए कई देशों के साथ संधियों को दोबारा लिखा और उन पर फिर से हस्ताक्षर किए।'

सीतारमन ने 'बेनामी संपत्ति जब्ती अधिनियम, 1988' के बारे में कहा कि पूर्व सरकारों ने इसे कभी अधिसूचित नहीं किया था।

सीतारमन ने जेटली के हवाले से कहा, 'हमने 2014 में यह विधेयक एक संसदीय स्थायी समिति के समक्ष रखा और इसे अधिसूचित किया, ताकि सरकार बेनामी संपत्तियों को जब्त कर सके।'