logo-image

जानें, पलानीसामी के किसानी से लेकर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पद तक का सफर

तमिलनाडु में सत्ता के लिए जारी उठापटक के बीच शशिकला के करीबी पलानीसामी ने गुरुवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। जानें उनके राजनीतिक सफर के बारे में।

Updated on: 16 Feb 2017, 05:16 PM

नई दिल्ली:

तमिलनाडु में सत्ता के लिए जारी उठापटक के बीच शशिकला के करीबी पलानीसामी ने गुरुवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। राज्यपाल ने कहा है कि पलानीसामी 15 दिनों के भीतर सदन में अपना बहुमत साबित करें। शशिकला को सजा होने के बाद पलानीसामी एकाएक सुर्खियों में आने वाले नेता हैं। वह जयललिता के सुख-दुख में भी साथ खड़े रहे थे।

पलानीसामी के किसान से मुख्यमंत्री की कुर्सी तक का सफर-

1. पन्नीरसेल्वम की कैबिनेट में पलानीसामी के पास तीन मंत्रालय लोक निर्माण, राजमार्ग एवं लघु बंदरगाह मंत्रालय था। तीनों मंत्रालय के अलावा मुख्यमंत्री ने गृह, वित्त, प्लानिंग विभाग भी अपने पास रखे हैं।

और पढ़ें: तमिलनाडु संकट टला, शशिकला के करीबी पलानीसामी बने मुख्यमंत्री, 30 मंत्रियों ने भी ली शपथ

2. जयललिता के निधन के बाद जब एआईएडीएमके शशिकला और पन्नीरसेल्वम गुट में बंटी तो पलानीसामी हमेशा शशिकला के साथ दिखे। 2011-16 के बीच 4 सदस्यों वाली किचन कैबिनेट में भी पलानीसामी थे। पलानीसामी के अलावा कार्यवाहक मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम, पूर्व मंत्री नाथम आर विश्वनाथन और आर वैथीलिंगम थे।

3. 62 वर्षीय पलानीसामी 1980 में AIADMK में शामिल हुए थे। सेलम जिले के नेडुनगुलम गांव के रहने वाले पलानीसामी गोंडर समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। पार्टी संस्थापक एमजी रामचंद्रन की 1987 में मौत के बाद पार्टी में गुटबाजी हुई उस समय पलानीसामी जयललिता के साथ खड़े थे। जिसका अवॉर्ड जयललिता ने कोंगू वेल्लला गोंडर कमेटी का सदस्य बनाकर दिया। उन्हें 1989 में इडाप्पडी विधानसभा क्षेत्र से टिकट दिया गया उन्होंने मध्यावधि चुनाव में सफलता हासिल की। जिसके बाद 1991 में भी वह विधानसभा पहुंचे।

विधानसभा चुनाव से जुड़ी हर बड़ी खबर के लिए यहां क्लिक करें

4. पेशे से किसान रहे पलानीसामी ने इडाप्पडी विधानसभा क्षेत्र से 2006 और 2011 में भी सफलता हासिल की। 2011 जयललिता ने अपने कैबिनेट में राजमार्ग और लघु बंदरगाह विभाग देकर पलानीसामी को जगह दी। तब तक जयललिता से और करीबी बढ़ चुकी थी। 2016 में एआईएडीएमके की सरकार बनने के बाद पलानीसामी का कद और बढ़ा और उन्हें राजमार्ग, लघु बंदरगाह विभाग के अलावा लोक निर्माण विभाग भी दिया गया।

5. जयललिता के बीमार पड़ने के बाद पलानीसामी पन्नीरसेल्वम के साथ खड़े थे। जयललिता के अस्पताल में रहने के दौरान पलानीसामी ने पन्नीरसेल्वम के साथ राज्यपाल सी विद्यासागर राव से मुलाकात की थी।

और पढ़ें: जयाललिता की समाधि पर शशिकला ने षड्यंत्रकारियों के खिलाफ ली शपथ, 3 बार ठोका हाथ, देखें VIDEO