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पाकिस्तान ने एनएसजी सदस्यता के नए फार्मूले को खारिज किया

पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) पर दस्तखत नहीं करने वाले देशों की परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) की सदस्यता के लिए उनकी उम्मीदवारी के आकलन के नए फार्मूले को भेदभावपूर्ण और बेकार बताते हुए खारिज कर दिया है।

Updated on: 30 Dec 2016, 08:32 PM

नई दिल्ली:

पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) पर दस्तखत नहीं करने वाले देशों की परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) की सदस्यता के लिए उनकी उम्मीदवारी के आकलन के नए फार्मूले को भेदभावपूर्ण और बेकार बताते हुए खारिज कर दिया है। समाचार पत्र डॉन की वेबसाइट के अनुसार, विदेश कार्यालय के प्रवक्ता नफीस जकरिया ने गुरुवार को साप्ताहिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'यह स्पष्ट रूप से भेदभावपूर्ण होगा और एनएसजी के (परमाणु) अप्रसार उद्देश्य को आगे बढ़ाने में कोई योगदान नहीं करेगा।'

भारत और पाकिस्तान की सदस्यता पर 48 सदस्यीय एनएसजी की सियोल में हुई पूर्ण बैठक के बेनतीजा रहने के बाद एनएसजी सदस्यों के बीच चर्चा के लिए ऑस्ट्रिया में अर्जेटीना के राजदूत राफेल मेरिआनो ग्रोसी को समन्वयक नियुक्त किया गया था।

गत महीने वियना में हुई एनएसजी की असाधारण पूर्ण बैठक में भी गतिरोध बना रहा। इस माह राजदूत ग्रोसी ने एनएसजी के सदस्यों के समक्ष एक दो पृष्ठ का संशोधित दस्तावेज पेश किया जिसमें एनपीटी पर दस्तखत नहीं करने वाले भारत और पाकिस्तान के आवेदन पत्रों पर विचार करने के लिए एक नौ सूत्री प्रस्ताव शामिल है।

गैर एनपीटी आवेदकों के लिए मसौदा के एक संशोधित संस्करण पर विचार करने के लिए गत सप्ताह वियना में एनएसजी सदस्यों की एक बैठक हुई थी। समाचार पत्र डॉन की वेबसाइट के अनुसार, जकरिया ने कहा कि पाकिस्तान गैर एनपीटी देशों की एनएसजी सदस्यता के लिए गैर भेदभाव तरीके से एक गैर भेदभावपूर्ण मानदंड आधारित दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता पर लगातार जोर देता है।

उन्होंने कहा, 'इस तरह के मानदंड आधारित दृष्टिकोण एनएसजी के अप्रसार लक्ष्यों के साथ-साथ दक्षिण एशिया में सामरिक स्थिरता के लक्ष्य को आगे बढ़ाएंगे।' उन्होंने कहा, 'यह एनएसजी की साख और अप्रसार व्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है कि एनएसजी एक नियम आधारित संस्था के रूप में दिखे न कि एक ऐसे समूह के रूप में जो व्यावसायिक और राजनीतिक हितों के आधार पर संचालित होता है और अपने अप्रसार लक्ष्यों को लेकर महज डींग हांकता है।'