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फिदेल कास्त्रो के निधन पर पीएम मोदी ने जताया शोक

कास्त्रो करीब आधा शताब्दी तक अमेरिका की आंख की किरकिरी बने रहे।

Updated on: 26 Nov 2016, 05:01 PM

नई दिल्ली:

क्यूबा के पूर्व राष्ट्रपति और क्रांतिकारी फिदेल कास्त्रो के निधन पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक ज़ाहिर किया है। पीएम मोदी ने शोक ज़ाहिर करते हुए कहा, 'भारत के लिए ये बहुत बड़ी क्षति है क्योंकि हमने आज अपना एक ख़ास दोस्त खो दिया है। फिदेल कास्त्रो 20 वीं सदी के सबसे प्रतिष्ठित व्यक्ति में से एक थे।'

क्यूबा के पूर्व राष्ट्रपति फिदेल कास्त्रो का 90 वर्ष की उम्र में राजधानी हवाना में निधन हो गया। कास्त्रो का भारत से बेहद लगाव था। वो भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का बेहद सम्मान करता थे और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को अपनी बहन मानते थे। 

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माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने भी उनके निधन पर शोक ज़ाहिर करते हुए अपनी कुछ पुरानी यादें साझा की। 'उन्होंने कहा कि पूरा विश्व उन्हें बहुत याद करेगा। मुझे उनसे मिलने का सौभाग्य मिला था, मैं उनसे 3-4 बार मिल चूका हूं। तीसरी बार मिलने से पहले मैं काफी डरा हुआ था क्योंकि उनसे जब भी मुलाकात होती थी वो सवालों की बौछार लगा देते थे।'

कास्त्रो के समर्थक उन्हें एक ऐसा शख्स बताते हैं, जिन्होंने क्यूबा को वापस यहां के लोगों के हाथों में सौंप दिया। लेकिन विरोधी उन पर लगातार विपक्ष को बर्बरतापूर्वक कुचलने का आरोप लगाते रहे।

कास्त्रो करीब आधा शताब्दी तक अमेरिका की आंख की किरकिरी बने रहे। इस दौरान कई बार उन्हें मारने की साजिश हुईं लेकिन वह बाल-बाल बचते रहे।

माना जाता है कि इन साजिशों के पीछे अमेरिकी की खुफिया संस्था सीआइए थी। इस कटुता को दूर करने की नीयत से अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा इसी साल मार्च में हवाना दौरे पर आए।

यह किसी अमेरिकी नेता की 88 साल में पहली क्यूबा यात्रा थी। ओबामा ने इस दौरान क्यूबा की जनता से भी बात की और लोकतंत्र की चर्चा की। फिदेल को ये ठीक नहीं लगा, उन्होंने इसकी निंदा भी की।

कास्त्रों को क्यूबा में कम्युनिस्ट क्रांति का जनक माना जाता है और वह आधुनिक विश्व में सबसे बड़े कम्युनिस्ट नेताओं में एक माने जाते हैं। अमेरिका के बिलकुल नजदीक क्यूबा में कम्युनिस्ट शासन चलाने वाले कास्त्रों ने खराब स्वास्थ्य के चलते वर्ष 2008 में देश की सत्ता अपने छोटे भाई राउल कास्त्रों को सौंप दी थी।

पिछले अगस्त में अपना 90 वां जन्मदिन वाले कास्त्रों पिछले कई वर्षों से बीमारी की वजह से जनता के बीच बहुत कम दिखाई देते थे।

कास्त्रो ने अप्रैल में देश की कम्युनिस्ट पार्टी की कांग्रेस को अंतिम दिन संबोधित किया था। उन्होंने माना था कि उनकी उम्र बढ़ रही है, लेकिन उन्होंने कहा था कि कम्युनिस्ट अवधारणा आज भी वैध है और क्यबा के लोग 'विजयी होंगे।'

उन्होंने अपने संबोधन में कहा था, 'मैं जल्द ही 90 साल का हो जाऊंगा, जिसकी कल्पना मैंने कभी नहीं की थी। जल्द ही मैं अन्य लोगों की तरह हो जाऊंगा, लेकिन हम सभी की बारी जरूर आनी चाहिए।'

फिदेल कास्त्रो ने दो शादियां की थी, जिनसे उनके 8 बच्चे हैं। उनका बड़ा बेटा फिदेल कास्त्रो डियाज बलार्ट को उनके पिता की झलक माना जाता है। वह फिदेलितो के नाम से मशहूर हैं और न्यूक्लियर साइंटिस्ट हैं।
हवाना की सोशलाइट मिरता डाएज बलार्ट से हुई उनकी बेटी एलीना फर्नांडिस ने अपने मियामी रेडियो प्रोग्राम में खुद फिदेल को क्रिटिसाइज किया था।

कास्त्रो की दूसरी पत्नी डालिया सोटो से पांच और बेटे हैं। छोटा बेटा एंटोनियो नेशनल बेसबॉल टीम का डॉक्टर है।