बिहार सरकार ने कोर्ट को दिलाया भरोसा, यातायात की होगी बैकल्पिक व्यवस्था
नीतीश सरकार की शराबबंदी के समर्थन में प्रस्तावित मानव श्रृंखला बनाने से संबंधित मामले में बिहार सरकार ने कोर्ट को आश्वस्त किया है कि इसमें शामिल होने के लिये किसी पर दबाव नहीं डाला जाएगा और यातायात की वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी।
पटना:
नीतीश सरकार की शराबबंदी के समर्थन में प्रस्तावित मानव श्रृंखला बनाने से संबंधित मामले में बिहार सरकार ने कोर्ट को आश्वस्त किया है कि इसमें शामिल होने के लिये किसी पर दबाव नहीं डाला जाएगा और यातायात की वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी।
इस मामले में राज्य के मुख्य सचिव तथा पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) पटना उच्च न्यायालय के आदेश पर अदालत में हाजिर हुए। इन्होंने कोर्ट को आश्वस्त किया है कि कार्यक्रम में शामिल होने के लिये किसी पर दबाव नहीं बनाया जाएगा।
अदालत ने सरकार को मानव श्रृंखला बनाए जाने के दौरान यातायात की वैकल्पिक व्यवस्था करने का भी निर्देश दिया है। यह कार्यक्रम 21 जनवरी को आयोजित किया जाएगा।
गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) 'फोरम फॉर पब्लिक इंट्रेस्ट लिटिगेशन' द्वारा दाखिल याचिका पर बुधवार को सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने इस मामले में बिहार सरकार से जवाब मांगा था।
लेकिन सरकार की ओर से पेश किए गए लिखित जवाब पर असंतोष जताते हुए कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता तथा न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की खंडपीठ ने मुख्य सचिव और डीजीपी दोनों को शुक्रवार को अदालत में हाजिर होने का आदेश दिया था।
मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) शुक्रवार को पटना उच्च न्ययालय में उपस्थित हुए और इस मामले में दोनों अधिकारियों ने सरकार की तरफ से अपना-अपना पक्ष रखा।
अधिकारियों ने अदालत को भरोसा दिलाया कि मानव श्रृंखला के आयोजन के दौरान यातायात की वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी और इस कार्यक्रम में लोग अपनी स्वेच्छा से ही शामिल होंगे।
सरकार की तरफ से अधिकरियों ने आश्वस्त किया कि स्कूली छात्रों को स्कूल जाने का भी कोई दबाव नहीं रहेगा। कार्यक्रम के दौरान अनिवार्य सेवा तथा न्यायाधीश, अधिवक्ता, अधिकारियों के वाहनों की आवाजाही पर भी कोई रोक नहीं लगेगी।
इस मामले की अगली सुनवाई 28 जनवरी को होगी।
बिहार सरकार की पहल पर राज्य की मद्य निषेध नीति के समर्थन में प्रदेश भर में 21 जनवरी को दुनिया की सबसे बड़ी (11,000 किलोमीटर से अधिक लंबी) मानव श्रृंखला बनाई जाएगी।
उल्लेखनीय है कि कई जगहों पर स्कूली बच्चों को 21 जनवरी को प्रस्तावित मानव श्रृंखला में शामिल होने के लिए दबाव बनाने की शिकायतें मिली हैं।
अधिकारियों के अनुसार, मानव श्रृंखला की तस्वीर लेने के लिए तीन उपग्रहों, चार विमानों, दो हेलीकॉप्टरों तथा 40 ड्रोनों का इस्तेमाल किया जाएगा। तीन उपग्रहों में एक विदेशी तथा दो भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के होंगे।
उन्होंने कहा कि राज्यभर में अपराह्न् 12.15 बजे से अपराह्न् एक बजे तक दो करोड़ लोग मानव श्रृंखला बनाने के लिए हाथ से हाथ मिलाएंगे।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पांच अप्रैल, 2016 को राज्य में शराबबंदी लागू कर दी थी।
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