logo-image

द्विपक्षीय रिश्तों के बीच अड़चनों को दूर करें भारत और अमेरिका: आईएसीसी

डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति पद की शपथ लेने से पहले इंडो अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स ने कहा कि भारत औऱ अमेरिका को द्विपक्षीय रिश्तों से जुड़े लंबित मुद्दों का समाधान किए जाने की कोशिशें तेज कर देनी चाहिए।

Updated on: 26 Dec 2016, 07:02 PM

New Delhi:

डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति पद की शपथ लेने से पहले इंडो अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स ने कहा कि भारत औऱ अमेरिका को द्विपक्षीय रिश्तों से जुड़े लंबित मुद्दों का समाधान किए जाने की कोशिशें तेज कर देनी चाहिए।

बोर्ड ने कहा कि इस सूची में आईपीआर से जुड़े मसले, द्विपक्षीय निवेश समझौता और आपसी मुद्दों को सुलझाने के लिए जरूरी तंत्र बनाने की दिशा में काम तेज कर देना चाहिए। अरबपति कारोबारी ट्रंप जनवरी में अमेरिका के नए राष्ट्रपति की शपथ लेने वाले हैं।

इंडो अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स के नेशनल प्रेसिडेंट एन वी श्रीनिवासन ने कहा कि अमेरिका के कॉरपोरेट का मानना है कि भारत पूर्व और पश्चिम के बीच का बाजार है और यह दोनों बाजारों के बीच की कड़ी के रूप में उभर सकता है।

श्रीनिवासन ने कहा, 'कई कंपनियां अपने बोर्ड रूम में इन विचारों पर मंथन कर रही हैं जबकि कई अन्य कंपनियां भारत में नए उत्साह के साथ निवेश कर रही हैं। हमें निवेश के रास्ते में आने वाली बाधाओं को दूर करना होगा।'

संगठन ने कहा कि अमेरिका के नव निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप यह साफ कर चुके हैं कि वह क्षेत्रीय समझौते मसलन नाफ्टा और टीपीपी के खिलाफ है क्योंकि यह अमेरिकी हितों के खिलाफ काम करता है। 

आईएसीसी ने कहा कि ट्रंप अपनी नीतियों पर पुनर्विचार कर रहे हैं जो हर देश की अहमियत और आर्थिक जरूरतों के मुताबिक होगा। श्रीनिवासन ने कहा कि भारत की हालिया योजनाएं मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, स्मार्ट सिटीज प्रोजेक्ट और अधिक बजट वाली परियोजनाओं को वित्तीय निवेश की जरूरत होगी।