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चेक बाउंस के मामले में और सख्त हो सकती है सजा, गैर-जमानती अपराध की श्रेणी में भी लाने का सुझाव

नोटबंदी के बाद जिस तरह कैशलेस लेनदेन को बढ़ावा देने की बात हो रही है, उसे देखते हुए व्यापारियों के कई एसोसिएशन ने इस बाबत प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजे हैं।

Updated on: 25 Dec 2016, 01:19 PM

highlights

  • व्यापारिक संगठनों ने दिया सरकार को कानून कड़े करने का सुझाव
  • अगर कानून संशोधित हुआ तो चेक फ्रॉड के मामले में आएगी कमी

नई दिल्ली:

नोटबंदी के बाद कैशलेस की मुहिम को और तेज करने के लिए सरकार जल्द ही चेक बाउंस होने के मामले में मौजूदा कानून को सख्त कर सकती है।

सूत्रों के मुताबिक नोटबंदी के बाद जिस तरह कैशलेस लेनदेन को बढ़ावा देने की बात हो रही है, उसे देखते हुए व्यापारियों के कई एसोसिएशन ने इस बाबत प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजे हैं।

अगर यह प्रस्ताव मान लिया जाता है तो सरकार चेक बाउंस से जुड़े नियमों बदलाव की पहल कर सकती है। चेक बाउंस होने के डर से अक्सर व्यापारी अपने ग्राहकों से चेक लेने में कतराते हैं जबकि कैश की कमी अब भी बाजार में बनी हुई है।

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फिलहाल के कानून के मुताबिक चेक बाउंस के मामले में जमानत मिल सकती है। जब तक केस चलता रहे, आरोपी जमानत लेकर जेल से बाहर रह सकता है।

हालांकि नए सुझाव के मुताबिक चेक बाउंस के मामले में सजा के तौर पर किसी शख्स को एक महीने के अंदर जेल भेजा जाना चाहिए। साथ ही गैरजमानती अपराध में लाने पर विचार होना चाहिए।

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अभी यह साफ नहीं हो सका है कि सरकार इस पूरे मसले पर विचार कर रही है या नहीं। लेकिन सूत्रों की माने तो इस संबंध में एक विधेयक संसद के बजट सत्र में पेश किया जा सकता है।