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पल-पल के बदलते घटनाक्रमों के बीच बड़ा बना सवाल, क्या राष्ट्रपति शासन की ओर है उत्तर प्रदेश?

पल-पल के बदलते घटनाक्रमों के बीच बड़ा बना सवाल, क्या राष्ट्रपति शासन की ओर है उत्तर प्रदेश?

Updated on: 31 Dec 2016, 08:52 AM

नई दिल्ली:

समाजवादी पार्टी परिवार के बीच चल रहे आपसी कलह के बीच देश की निगाहें उत्तर प्रदेश के राजनीतिक भूचाल पर बनी हुई है। ऐसे में यह सवाल ज़ोर पकड़ता जा रहा है कि क्या होगा उत्तर प्रदेश की राजनीति का अगला मोड़।

विधानसभा चुनावों के आने में अब कुछ ही समय बचा है ऐसे में मुलायम सिंह परिवार के दो धड़ों में बंट जाने से यूपी की राजनीतिक गर्मा गई है। केंद्र सरकार के सूत्रों के मुताबिक उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगने की संभावना भी बन सकती है। लेकिन संवैधानिक मामलों के जानकार ऐसा नहीं मानते। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में अभी कोई संवैधानिक संकट नहीं है।

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हालांकि अखिलेश यादव को सपा सुप्रीमों ने पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है, लेकिन बाजी अभी भी उनके हाथ में ही है। अगर अखिलेश यादव मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं देते हैं तो उत्तर प्रदेश के राज्यपाल उन्हें विधानसभा में विश्वासमत साबित करने का मौका दे सकते हैं। 

मुलायम सिंह यादव समाजवादी पार्टी के मुखिया हैं लेकिन मुख्यमंत्री कौन होगा यह विधायक दल मिलकर तय करता है। ऐसे में अगर अखिलेश यादव सदन में विश्वासमत साबित करने में सफल होते हैं तो राष्ट्रपति शासन का संकट ख़त्म हो जाएगा। लेकिन अगर अखिलेश यादव ने इस्तीफा दे दिया तो स्थिति दूसरी होगी।

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वहीं, एक संकट और ये है कि अगर मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव दोनों ही खुद ही मुख्यमंत्री पद पर दावा करते हैं तो विधायकों की दुविधा के बीच ऊंट किस करवट बैठेगा यह देखना दिलचस्प होगा।

एक रास्ता यह भी है कि अखिलेश यादव खुद ही इस्तीफा देकर विधानसभा भंग कर जल्द चुनाव की सिफारिश कर दें।