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वोट नहीं दिया तो फिर सरकार और उसकी नीतियों पर सवाल उठाने का हक नहीं: SC

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर आप वोट नहीं देते हैं तो फिर आपको सरकार या उसकी नीतियों के खिलाफ शिकायत करने का 'कोई अधिकार' नहीं है।

Updated on: 05 Feb 2017, 12:09 PM

highlights

  • सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वोट नहीं देने वालों को सरकार या उसकी नीतियों पर सवाल करने का अधिकार नहीं
  • सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी वैसे समय में सामने आई है जब पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव हो रहे हैं

New Delhi:

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर आप वोट नहीं देते हैं तो फिर आपको सरकार या उसकी नीतियों के खिलाफ शिकायत करने का 'कोई अधिकार' नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट की यह टिप्पणी वैसे मामले में सामने आई जब एक एक्टिविस्ट ने याचिका की सुनवाई के दौरान कहा कि उसने कभी देश में मतदान नहीं किया। एक्टिविस्ट की याचिका देश में जारी अतिक्रमण को हटाने की मांग को लेकर दायर की गई थी और इसी दौरान उन्होंने कोर्ट कभी वोट नहीं दिए जाने के बारे में बताया। कोर्ट को एक्टिविस्ट्स की बात पसंद नहीं आई।

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कोर्ट ने कहा अतिक्रमण को लेकर वह कोई फैसला नहीं दे सकता क्योंकि यह मामला सभी राज्यों से जुड़ा है। चीफ जस्टिस जे एस खेहड़ की बेंच ने कहा, 'कोई भी आदमी हर बात के लिए सरकार को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकता। अगर कोई व्यक्ति वोट नहीं डालता है तो फिर उसे सरकार को दोष देने का कोई अधिकार नहीं है।'

जस्टिस एन वी रमन्ना, डी वाई चंद्रचूड़ और चीफ जस्टिस खेहड़ की पीठ ने कहा कि दिल्ली में बैठकर अतिक्रमण के बारे में कोई फैसला नहीं दिया जा सकता। पीठ ने याचिकाकर्ता को इस मामले में संबंधित हाई कोर्ट में याचिका दायर करने को कहा।

दिल्ली के एनजीओ वाइस ऑफ इंडिया की तरफ से पेश हुए एक्टिविस्ट्स धनेश इशधन ने कहा कि सरकार अतिक्रमण को हटाने के लिए कुछ नहीं करती। वह अदालत से इस मामले में आदेश दिए जाने की मांग कर रहे थे। इस दौरान अदालत ने उनसे पूछा कि क्या उन्होंने कभी वोट किया है।

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इशधन ने कहा, 'मैं अदालत से झूठ नहीं बोलूंगा। मैंने कभी वोट नहीं किया।' इसके बाद अदालत ने कहा, 'अगर आपने कभी वोट नहीं किया तो फिर आपको सरकार की नीतियों को दोष देने का कोई अधिकार नहीं है।' 

सु्प्रीम कोर्ट का फैसला वैसे समय में सामने आया है जब पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों की शुरुआत हो चुकी है। 4 फरवरी को पंजाब और गोवा में विधानसभा के चुनाव हो चुके हैं जबकि उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मणिपुर में विधानसभा के चुनाव होने हैं।

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