नीति आयोग ने किया मंथन,नोटबंदी के दौर में रोजगार और कृषि उत्पाद बढ़ावा देने पर हुई चर्चा
इस बार के बज़ट में सरकार आम लोगों के लिये कई कई सौगातें लेकर आने वाली है।
नई दिल्ली:
नये साल में देश के अन्दर रोज़गार बढ़ाने, कृषि और स्किल डेवलपमेंट में नये मौके लाने को लेकर मंगलवार को नीति आयोग की बैठक हुई। पीएम नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में विशेषज्ञों और अर्थशास्त्रियों ने रोजगार सृजन, कृषि और कौशल विकास के मुद्दे पर नीति आयोग में विचार विमर्श किया। ये विशेषज्ञ बजट के विषयों पर चर्चा में लगे थे।
नीति आयोग के चेयरमैन अरविंद पनगढ़िया ने जानकारी देते हुए बताया कि यह बैठक 11:30 से 01:30 के बीच हुई और इसमें 13 सदस्यों ने हिस्सा लिया। इस बैठक में आयोग ने अलग-अलग क्षेत्रों के लिए नई पहल और बजट संबंधी सुझावों पर विचार विमर्श किया। साथ ही बजट संबंधी सुझावों के लिये विशेषज्ञों के चार-पांच अलग-अलग समूह बनाये हैं। बैठक का उद्देश्य नोटबंदी के प्रतिकूल प्रभावों को दूर करने, आर्थिक वृद्धि तेज करने और रोजगार सृजन तथा कृषि उत्पादकता को बढ़ावा देने के लिये ठोस सुझाव तैयार करना है।
इस दौरान नोटबंदी के साथ-साथ अगले साल फरवरी में आने वाले सरकार के तीसरे बजट पर भी चर्चा की गयी। नीति आयोग की इस बैठक में पीएम मोदी ने अर्थशास्त्रियों से बजट को लेकर सुझाव मांगा।
पीएम मोदी ने स्किल, स्केल और स्कोप को साथ लेकर चलने की ज़रुरत पर बल दियाह। उन्होंने कहा कि जो टैक्स देता है वो चाहता है कि उसके पैसे का सही इस्तेमाल हो और उसे सुविधाएं मिलें। ज़ाहिर है नोटबंदी को लेकर कुछ लोग सरकार से नाराज़ भी हुए हैं। ऐसे में सरकार आगामी बज़ट के दौरान कुछ ऐसी घोषणायें करना चाहती है जिससे लोगों के बीच में एक बार फिर से केन्द्र सरकार के लिए विश्वास पैदा हो सके।
आपको बता दें पहले ही ये संकेत मिल चुके हैं कि इस बार के बज़ट में सरकार आम लोगों के लिये कई कई सौगातें लेकर आने वाली है। जो आम आदमी को नोटबंदी से हुई परेशानियों से राहत दिला सके। सूत्रों ने बताया कि बैठक में करीब 15 लोगों को आमंत्रित किया गया है।
रिजर्व बैंक सहित विभिन्न बहुपक्षीय एजेंसियों ने चालू वित्त वर्ष के दौरान भारत की आर्थिक वृद्धि कम रहने का अनुमान व्यक्त किया है। रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के वृद्धि अनुमान को पहले के 7.6% से घटाकर 7.1% कर दिया। इस लिहाज से यह बैठक काफी अहम है। एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने भी भारत की वृद्धि दर को पहले के 7.4% से घटाकर 7% कर दिया।
सरकार द्वारा बड़े नोटों को अचानक चलन से हटा लिये जाने के बाद आर्थिक गतिविधियों पर प्रभाव पड़ने की वजह से विभिन्न एजेंसियों ने वृद्धि के अनुमान की समीक्षा की है। चालू वित्त वर्ष की पहली दो तिमाहियों में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर क्रमश: 7.1 और 7.3% रही है। अधिकारियों के मुताबिक बैठक में प्रधानमंत्री नीति आयोग द्वारा की जारी विभिन्न पहलों में हुई प्रगति की भी जानकारी लेंगे।
डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिये की जा रही पहल जैसे लकी ग्राहक योजना और डिजिधन व्यापार योजना के बारे में प्रधानमंत्री को जानकारी दी जायेगी।
किन मुद्दों पर हुई चर्चा
- कृषि, रोज़गार, स्किल डेवलपमेंट, शिक्षा पर हुई चर्चा।
- कृषि में किसानों की इनकम पर हुई चर्चा
- माइक्रो इरिगेशन और किसानों द्वारा कार्ड पेमेंट को बढ़ावा देने पर भी चर्चा हुई।
- स्किल डेवलपमेंट और तकनीक को लेकर भी चर्चा हुई।
- टैक्स सिस्टम और रेवेन्यु बढ़ाने को लेकर कई सुझाव आए।
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