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विजय माल्या मामले में पीएमएलआर कोर्ट ने यूके से 'लेटर्स रोगेटरी' लिखकर मांगी संपत्ति की रिपोर्ट

पीएमएलए की एक विशेष अदालत ने विजय माल्या और अन्य के खिलाफ ब्रिटेन को ‘लेटर रोगेटरी’ यानी न्यायिक अनुरोध पत्र जारी कर कानूनी सहायता मांगी है।

Updated on: 04 Feb 2017, 09:11 PM

नई दिल्ली:

मुंबई की पीएमएलए की एक विशेष अदालत ने 1,300 करोड़ रुपये के किंगफिशर एयरलाइंस-आईडीबीआई बैंक मामले में फरार शराब कारोबारी विजय माल्या और अन्य के खिलाफ ब्रिटेन को ‘लेटर रोगेटरी’ यानी न्यायिक अनुरोध पत्र जारी कर कानूनी सहायता मांगी है।

विजय माल्या के खिलाफ लोन अदायगी मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से की जा रही जांच के सिलसिले में कानूनी सहायता मांगी है। माल्या को अदालत ने भगोड़ा घोषित किया है।

विशेष न्यायाधीश पीआर भावके ने अपने आदेश में कहा, ‘‘ब्रिटेन में सक्षम अधिकारी को एलआर जारी किया जाए ताकि मामले के तथ्यों एवं परिस्थितियों का परीक्षण किया जा सके।’’ ईडी ने विशेष अदालत का रूख कर एलआर जारी करने की मांग की थी ताकि माल्या की संपत्तियों का ब्योरा हासिल किया जा सके। एजेंसी के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘हम माल्या की संपत्तियों का ब्योरा चाहते हैं और इसलिए हमने अदालत से एलआर जारी करने का अनुरोध किया था।’’

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जांच एजेंसियां किंगफिशर के लिए लोन केस में माल्या के खिलाफ जांच कर रही हैं। CBI की स्पेशल कोर्ट ने बैंकों का करोड़ों रुपये का लोन लेकर विदेश भागे शराब कारोबारी विजय माल्या के खिलाफ मंगलवार को गैर-जमानती वॉरंट जारी कर दिया। CBI पहले भी वॉरंट जारी कर चुकी है, लेकिन इस बार उसके पास ब्रिटेन में माल्या की लोकेशन की जानकारी भी है। साथ ही जांच एजेंसी ने कोर्ट में ब्रिटेन के सामने माल्या के प्रत्यर्पण को लेकर हलफनामा भी पेश किया।

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केंद्रीय जांच ब्यूरो 25 जनवरी को ने 1,300 करोड़ रुपये के किंगफिशर एयरलाइंस-आईडीबीआई बैंक मामले में फरार शराब कारोबारी विजय माल्या तथा अन्य के खिलाफ एक विस्तृत आरोप-पत्र दाखिल किया। 1,000 पन्नों से अधिक के आरोप-पत्र में कहा गया है कि माल्या की किंगफिशर एयरलाइंस को तय प्रक्रिया का पालन किए बिना दिए गए ऋण से सार्वजनिक क्षेत्र के एक बैंक को भारी नुकसान हुआ।