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जानें क्यों, च्यूंगम चबाने और पेन की किट-किट की आवाज से आप हो जाते हैं परेशान!

यह एक प्रकार की मानसिक बीमारी है, जिसे मीजोफोनिया कहते हैं।

Updated on: 04 Feb 2017, 06:13 PM

नई दिल्ली:

कई लोगों को च्यूंगम चबाने और पेन की किट-किट से आखिर क्यों इरिटेशन होने लगती हैं। अक्सर देखा गया है कि कुछ लोगों को किसी भी तरह के शोर से गुस्सा आने लगता है और वो चिड़चिड़े होने लगते हैं। शोर हुआ नहीं कि उन्हें गुस्सा आने लगता है। कई बार तो वह अपना आपा खो बैठते हैं और आस-पास मौजूद किसी भी व्यक्ति के साथ मारपीट कर बैठते हैं।

शोधकर्ताओं ने खुलासा किया है ​कि चबाने और पेन के ट्रिगर के शोर से कई लोग बहुत जल्दी इरिटेट होने लगते हैं और उन्हें बहुत जल्दी गुस्सा आने लगता हैं। दरअसल, यह एक प्रकार की मानसिक बीमारी है, जिसे मीजोफोनिया कहते हैं।

ब्रिटेन में Newcastle University के शोधकर्ताओं ने च्यूंगम चबाने की आवाज, पेन के ट्रिगर से इरिटेट होने वालों, जल्द आपा खो देने वालों को मीजोफोनिया से पीड़ित बताया है। उनका कहना है कि मीजोफोनिया से ग्रसित लोग तत्काल अपनी प्रतिक्रिया दे देते हैं और किसी से भी झगड़ा कर लेते हैं।

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क्या है मीजोफोनिया

यह एक साउंड डिसऑर्डर है, इसमें मरीज किसी भी प्रकार की आवाज से बेचैन हो उठता है। इसमें रोगी खाना खाते समय आने वाली चप-चप, पानी पीने की गट-गट की आवाज से चिढ़ने लगता है। इसके अंतर्गत बर्तन गिरने, बढ़ई या मिस्त्री की ठक-ठक, जमीन पर कुछ रगड़ने और ट्रैफिक की आवाज भी पीड़ित परेशान होने लगते हैं।

मीजोफोनिया के दौरान कैसे होती है बेचैनी

ट्रिगर अर्थात् जिस आवाज से समस्या होती है, इसे सुनते ही मीजोफोनिया का मरीज काफी अलग तरह का व्यवहार करने लगता है। उसकी सांसें तेज हो जाती हैं, चेहरा गुस्से से लाल हो जाता है। वह अपने हाथ-पैर सिकोड़ने लगता है। कई बार तो ऐसी स्थिति होने पर व्यक्ति उस आवाज से काफी दूर हो जाता है और घंटों एकांत में बैठा रहता है। लेकिन आवाज खत्म होने के कुछ समय बाद ही व्यक्ति सामान्य हो जाता है।

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मीजोफोनिया का इलाज व सावधानी

मीजोफोनिया के इलाज के लिए किसी मनोचिकित्सक से मिलें और बिहेवियरल थैरेपी का किया जाता है। ट्रीटमेंट के साथ-साथ मरीज के घर वालों को भी उसे पूरी तरह से सहयोग करना चाहिए। उसकी इन हरकतों का बिल्कुल भी मजाक न उड़ाएं।