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जानें बसंत पंचमी के दिन ही क्यों होती है मां सरस्वती की पूजा

1 फरवरी को बसंत पंचमी का त्योहार पूरे देश में मनाया जायेगा। माघ शुक्ल पंचमी के दिन बसंत पंचमी और सरस्वती पूजा का विधान होता है। इस शुभ दिन सभी शिक्षण संस्थानों में विद्या की देवी सरस्वती जी की पूजा होती है।

Updated on: 31 Jan 2017, 12:10 PM

नई दिल्ली:

1 फरवरी को बसंत पंचमी का त्योहार पूरे देश में मनाया जायेगा। माघ शुक्ल पंचमी के दिन बसंत पंचमी और सरस्वती पूजा का विधान होता है। इस शुभ दिन सभी शिक्षण संस्थानों में विद्या की देवी सरस्वती जी की पूजा होती है। सरस्वती को कला की भी देवी माना जाता है इसलिए कला क्षेत्र से जुड़े लोग भी माता सरस्वती की विधिवत पूजा करते हैं। साथ ही साथ पुस्तकओं एवं कलम की पूजा भी करते हैं।

ऋतुओं का राजा बसंत

बसंत ऋतुओं का राजा माना जाता है। यह पर्व बसंत ऋतु के आगमन का सूचक है। इस अवसर पर प्रकृति के सौंदर्य में अनुपम छटा का दर्शन होता है। वसंत पंचमी का त्योहार हिंदू धर्म में एक विशेष महत्व रखता है। यह पूजा पूर्वी भारत में बड़े उल्लास से की जाती है। इस दिन स्त्रियाँ पीले वस्त्र धारण कर पूजा-अर्चना करती हैं। स्वयं भगवान कृष्ण ने कहा है की ऋतुओं में मैं बसंत हूं।

जानें क्यों की जाती है बसंत पंचमी के दिन सरस्वती पूजा

यह त्योहार हर साल माघ मास में शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन मां सरस्वती का जन्म हुआ था। शास्त्रों एवं पुराणों कथाओं के अनुसार बसंत पंचमी और सरस्वती पूजा को लेकर एक बहुत ही रोचक कथा है-

ऐसी मान्यता है कि सृष्टि के प्रारंभ में भगवान विष्णु की आज्ञा से ब्रह्मा ने मनुष्य की रचना की। लेकिन अपने सर्जना से वे संतुष्ट नहीं थे। उदासी से सारा वातावरण मूक सा हो गया था। यह देखकर ब्रह्माजी अपने कमण्डल से जल छिड़का। उन जलकणों के पड़ते ही पेड़ों से एक शक्ति उत्पन्न हुई जो दोनों हाथों से वीणा बजा रही थी तथा दो हाथों में पुस्तक और माला धारण की हुई जीवों को वाणी दान की, इसलिये उस देवी को सरस्वती कहा गया।

बेहद शुभ होता है बसंत पंचमी का दिन

सरस्वती को विद्या बुद्धि की देवी माना जाता है। इसलिए बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा की जाती है। इस दिन कोई नया काम करना शुभ माना जाता है।

बुद्ध‍ि और ज्ञान की देवी मां सरस्वती 

इस दिन विशेष रूप से लोगों को अपने घर में सरस्वती यंत्र स्थापित करना चाहिये, तथा मां सरस्वती के इस विशेष मंत्र का 108 बार जप करना चाहिये। मां सरस्वती का संबंध बुद्धि से है, ज्ञान से है। यदि आपके बच्चे का पढ़ाई में मन नहीं लगता है, यदि आपके जीवन में निराशा का भाव है तो बंसत पंचमी के दिन मां सरस्वती का पूजन अवश्य करें।