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साइरस मिस्त्री चंद्रशेखरन की नियुक्ति पर कर सकते हैं कोर्ट का रुख, टाटा संस के चेयरमेन पद की नियुक्ति पर जताया विरोध

टाटा संस की कमान एन चंद्रशेखरन को दिए जाने पर कोर्ट का रुख कर सकते हैं साइरस मिस्त्री।

Updated on: 18 Jan 2017, 02:17 PM

नई दिल्ली:

एन चंद्रशेखरन को टाटा संस का चेयरमेन नियुक्त किए जाने पर कंपनी के पूर्व चेयरमेन साइरस मिस्त्री ने सवाल उठाए हैं। सायरस मिस्त्री अब इस फैसले को चुनौती दे सकते हैं। इकनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक ऐसी संभावना जताई जा रही है कि साइरस मिस्त्री एन चंद्रशेखरन के चुनाव के फैसले को चुनौती दे सकते हैं।

सूत्रों के मुताबिक पिछले हफ्ते सप्ताह मिस्त्री ने टाटा संस के बोर्ड मेंबर्स को एक लेटर भेजकर टाटा संस के बोर्ड की बैठक से एक दिन पहले चंद्रशेखरन के नियुक्ति की कानूनी वैधता पर सवाल उठाया था। वह बोर्ड बैठक चेयरमैन के रूप में चंद्रशेखरन पर विचार करने के लिए होने वाली थी।

रिपोर्ट के मुताबिक अक्टूबर में साइरस मिस्त्री को चेयरमेन पद से हटाने से पहले जो कंपनी की जो बोर्ड मीटिंग हुई थी उसमें एक दिन पहले तक किसी को नहीं पता था कि बोर्ड बैठक में क्या होने वाला है। बोर्ड मीटिंग के लिए जारी सर्कुलर में साइरस मिस्त्री को बर्खास्त करने का ज़िक्र नहीं था और यकायक साइरस मिस्त्री को उनके पद से हटा दिया गया।

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जबकि इस बार तय बोर्ड बैठक के लिए जारी सर्कुलर में साफ था कि चेयरमेन की नियुक्ति के लिए एन चंद्रशेखरन को चुना जाना संभव है। साइरस मिस्त्री अभी भी कंपनी में डायरेक्टर के पद पर हैं और एजेंडा के पेपर्स उनके पास भी पहुंचे थे। इसी के बाद उन्होंने मेल के ज़रिए एन चंद्रशेखरन की नियुक्ति पर सवाल उठाए थे। इसके बाद अगले दिन वो बोर्ड मीटिंग में नहीं पहुंचे थे।

अब ऐसी संभावना है कि साइरस मिस्त्री एन चंद्रशेखरन की नियुक्ति को कोर्ट में चैलेंज कर सकते हैं। गौरतलब है कि साइरस मिस्त्री को टाटा संस के चेयरमेन के पद से 24 अक्टूबर 2016 को बर्खास्त कर दिया गया था। इसके बाद साइरस मिस्त्री ने कंपनी के फैसले को नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल में चुनौती दी थी।

साइरस मिस्त्री ने अपनी याचिका में टाटा संस और टाटा के ट्रस्टों के बीच साठगांठ का आरोप लगाया था इसके अलावा उन्होंने टाटा ग्रुप के माइनॉरिटी शेयरहोल्डर्स के हितों को नजरंदाज करने का भी आरोप लगाया था।

11 जनवरी 2017 को बोर्ड मेंबर्स को भेजी गई मेल में मिस्त्री ने कहा था कि क्योंकि अभी मामला सब-ज्यूडिस है, लिहाजा चंद्रशेखरन की नियुक्ति अवैध है। वहीं टाटा संस के मुताबिक कंपनी ने अपने लीगल अडवाइजर्स से ग्रीन सिग्नल मिलने के बाद बोर्ड मीटिंग पर कदम बढ़ाने का निर्णय किया था।

साइरस मिस्त्री की नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल में दायर याचिका पर कोर्ट ने 18 जनवरी तक फैसला सुरक्षित रख लिया था। ऐसे में बुधवार को साइरस की याचिका पर फैसला आने की संभावना है। 

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